प्रेग्नेंट होने पर भी पति करता था पत्नी से जबरदस्ती सेक्स, कोर्ट ने लगाया इतना बड़ा जुर्माना

इंदौर। इंदौर में एक महिला ने पति पर अप्राकृतिक सेक्स करने का आरोप लगाया है। पत्नी का कहना है कि पोर्न वीडियो देखकर पति उसके साथ टेबू सेक्स करता था। इतना ही नहीं, महिला ने देवर और सास पर भी प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। पत्नी की शिकायत पर कोर्ट ने पति पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और हर महीने गुजारा भत्ता देने के आदेश भी दिए हैं। ये संभवतः प्रदेश का पहला मामला है जिसमें जिला कोर्ट ने पीड़ित महिला के पक्ष में फैसला सुनाया है।

शहर के हीरा नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला ने 2019 में राहुल नामक युवक से शादी की थी। इसमें दोनों के परिवारों की भी सहमति थी। लेकिन शादी के ठीक बाद ही महिला के लिए मुश्किलें शुरू हो गईं। राहुल जोर जबरदस्ती कर विदेशी तरीको से टेबू सेक्स करने लगा। राहुल अक्सर घूमने के लिए गोवा जाता था। वहां विदेशियों के तौर-तरीकों से आकर्षित होकर वह अपनी पत्नी को इसी तरह से रखने लगा। पत्नी शारीरिक और मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित होने लगी। इस दौरान वह गर्भवती हुई, लेकिन पति ने अप्राकृतिक सेक्स करना जारी रखा। डॉक्टर ने बेड रेस्ट की सलाह दी, लेकिन पति पर इसका भी असर नहीं हुआ। पति ने इसके बावजूद उसके साथ गलत तरीके से सेक्स किया जिसके चलते उसने साढ़े पांच महीने के प्री मैच्योर बच्चे को जन्म दिया।

जानकारी के अनुसार बातदे महिला का कहना है कि सास और देवर ने शादी के 12 दिन बाद ही उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। वे उससे दहेज में 10 लाख रुपये की मांग करने लगे और नहीं देने पर परेशान करने लगे। शादी के समय देवर ने भी उससे पैसे लिए। सास और देवर ने मिलकर उससे डेढ़ लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

पीड़ित महिला ने दिसंबर 2019 में हीरा नगर थाने में पति, देवर और सास के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इंदौर जिला कोर्ट में मामला पहुंचने पर महिला ने टैबू सेक्स और घरेलू हिंसा से प्रोटेक्शन दिलाने की मांग की थी। कोर्ट के आदेश पर महिला और बाल विकास अधिकारी ने मामले की जांच की। इसमें महिला के आरोपों की पुष्टि होने पर कोर्ट ने ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। दो साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने महिला को एक लाख रुपये देने के आदेश पति को दिए। इसके अलावा पीड़िता को भरण पोषण के लिए हर महीने पांच हजार रुपए के हिसाब से एक लाख तीस हजार रुपये भी देने के आदेश दिए हैं।

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