ग्वालियर। व्यक्ति को विचारों से परेशान नहीं होना चाहिए, क्योंकि विचार नहीं विकार व्यक्ति को परेशान करते हैं। विकारों को हटाते चले जाओ, विचार हटते चले जाएंगे। विचार को कंट्रोल करना है तो विकार को कंट्रोल करना सीखो। व्यक्ति को कुछ मिलता है तो पुण्य से ही मिलता है, पाप से कुछ नहीं मिलता। यह बात क्रांतिकारी मुनिश्री प्रतीक सागर महाराज ने शुक्रवार को सोनागिर स्थित आचार्यश्री पुष्पदंत सागर सभागृह में धर्मसभा में संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मुनिश्री ने कहा कि सत्य ही जीवन का लक्ष्य है, असत्य किसी का लक्ष्य नहीं होता।
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असत्य को कभी भी प्राप्त नहीं किया जा सकता। मात्र सत्य को पाया जा सकता है। व्यक्ति को लाभ होता है तो वह उसके पुण्य का परिणाम होता है। जब श्रद्घा का अंतिम चरण आता है तो हम डगमगा जाते हैं। सफलता मिलने वाली होती है तब विचलित हो जाते हैं। मुनिश्री में कहा कि आजकल पूजा पाठ करने वाले कम हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें कुछ मिलता है तो सब भूल जाते हैं। पैसा दिखता है तो अभिमान पैदा हो जाता है और अन्यत्र चले जाते हैं। जब नहीं मिलता तो फिर प्रभु की शरण में आते हैं।
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