भोपाल। मध्यप्रदेश में भवन के अवैध हिस्से को वैध कराने की तारीख सरकार ने बढ़ा दी है। अब अवैध हिस्से को कंपाउंडिंग शुल्क देकर 30 जून तक वैध कराया जा सकता है। इसके तहत कुल निर्माण का 30% तक का हिस्सा वैध कराया जा सकता है। इसके लिए सरकार कंपाउंडिंग शुल्क में 20% तक की छूट भी दे रही है। कंपाउंडिंग के बदले सरकार को अब तक 144 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिल चुका है, जो शहरों के विकास में उपयोग होगा। कंपाउंडिंग शुल्क वसूलने में भी इंदौर नंबर-1 बना है। यहां अबतक 75 करोड़ रुपए मिल चुके हैं, जो कुल रेवेन्यू का 50% है।
कंपाउंडिंग में छूट की टाइम लिमिट पहले 28 फरवरी थी। जिसे बढ़ाकर अब 30 जून कर दिया गया है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया, प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में 30 जून तक कंपाउंडिंग प्रकरणों में शुल्क पर 20% की विशेष छूट दी जाएगी। जो लोग अब तक अपने निर्माण के अवैध हिस्से को वैध नहीं करा सके हैं, ऐसे लोगों को संबंधित नगर निगम, नगरपालिका या नगर परिषद में आवेदन करना होगा। निर्धारित FAR या MOS से अधिक निर्माण होने पर तय गाइडलाइन की 5% राशि चुकाकर 10% निर्माण वैध होगा। वहीं, 10 से 20% के लिए 7.5% और 20 से 30% निर्माण वैध कराने के लिए 10% राशि कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से चुकानी होगी। इस राशि में सरकार 20% की छूट दे रही है।
यदि आपने कोई निर्माण किया है। उसमें कुछ हिस्सा ऐसा है जिसकी परमिशन नगर निगम से नहीं ली गई तो वह कंपाउंडिंग कहलाता है। इसे अवैध निर्माण भी कह सकते हैं। आपका घर यदि भोपाल के कोलार इलाके में है। जिसमें आपने एक हजार वर्ग फीट पर कुल निर्माण किया है। जिसमें से 700 वर्ग फीट का निर्माण विधिवत अनुमति लेकर किया हुआ है, शेष 300 वर्ग फीट अवैध रूप से बना रखा है, तो नगर निगम ऐसे हिस्से को तोड़ सकता है। हालांकि, अब इसे लेकर सरकार ने नई व्यवस्था शुरू की है। जिसके तहत कुल निर्माण के 30% हिस्से तक का अवैध निर्माण आप वैध करा सकते हैं।
एक हजार वर्ग फीट जमीन की स्टाम्प ड्यूटी करीब ढाई लाख रुपए बनती है। यदि इस मकान का 300 वर्ग फीट हिस्सा अवैध है, तो इस हिस्से को वैध कराने के लिए कंपाउंडिंग फीस 80 हजार रुपए बनती है। चूंकि अभी फीस पर 20% की छूट दी जा रही है। ऐसे में 16 हजार रुपए बचाकर 64 हजार रुपए में ही 300 वर्ग फीट का अवैध निर्माण वैध कराया जा सकता है।