इंदौर के प्रसिद्ध साहित्यकार, चित्रकार और पत्रकार प्रभु जोशी का मंगलवार दोपहर निधन हो गया। उनका पाजिटिव होने के बाद उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर सुन साहित्य जगत में शोक की लहर छा गई है। प्रभु जोशी के व्यक्तित्व में एक चित्रकार, कहानीकार, संपादक, आकाशवाणी अधिकारी और टेलीफिल्म निर्माता समाहित था। इनके चित्र लिंसिस्टोन तथा हरबर्ट में आस्ट्रेलिया के त्रिनाले में प्रदर्शित हुए थे। प्रभु जोशी को गैलरी फॉर केलिफोर्निया (यूएसए) का जलरंग हेतु थामस मोरान अवार्ड मिला। ट्वेंटी फर्स्ट सैचुरी गैलरी, न्यूयार्क के टॉप सेवैंटी में वे शामिल रहे। भारत भवन का चित्रकला तथा मध्य प्रदेश साहित्य परिषद का कथा-कहानी के लिए अखिल भारतीय सम्मान भी उन्हें प्राप्त हुआ। साहित्य के लिए मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप दिया गया था।
बर्लिन में संपन्न जनसंचार के अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में आफ्टर आल हाउ लांग रेडियो कार्यक्रम को जूरी का विशेष पुरस्कार दिया गया था। ‘इम्पैक्ट ऑफ इलेक्ट्रानिक मीडिया ऑन ट्रायबल सोसायटी’ विषय पर किए गए अध्ययन को ‘आडियंस रिसर्च विंग’ का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रभु जोशी को मिला था। प्रभु जोशी ने किस हाथ से, प्रभु जोशी की लंबी कहानियां और उत्तम पुरुष नाम से कहानियां प्रकाशित हुईं।