इंदौर। फास्टिंग या उपवास सदियों पुरानी परंपरा है, जिसे हर धर्म में महत्व दिया गया है। धार्मिक कारणों के साथ-साथ यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। 20 घंटे से अधिक समय तक उपवास रखने से शरीर में ऑटोफेजी प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
ऑटोफेजी के दौरान, शरीर की कोशिकाएं डैमेज या अनावश्यक तत्वों को बाहर निकालती हैं। यह प्रक्रिया सेल डिजेनरेशन को धीमा कर देती है, जिससे एजिंग की गति कम हो जाती है। फास्टिंग के कई ऐसे फायदे हैं जो शरीर को अंदर से साफ और स्वस्थ बनाते हैं। यदि आप हफ्ते में सिर्फ 2 दिन फास्ट करते हैं, तो इसके अद्भुत लाभ देखे जा सकते हैं।
फास्टिंग के फायदे
- ब्लड ग्लूकोज लेवल में सुधार
फास्टिंग के दौरान भोजन का समय सीमित हो जाता है, जिससे शुगर स्पाइक और क्रैश कम होते हैं। यह ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता है। - थकान और आलस से बचाव
शुगर क्रैश होने पर थकान महसूस होती है, लेकिन फास्टिंग से शरीर का एनर्जी लेवल बढ़ता है और व्यक्ति अधिक सक्रिय महसूस करता है। - वजन घटाने में मदद
हफ्ते में दो दिन फास्ट रखने से शरीर में ग्लाइकोजेन की कमी होती है। इससे एनर्जी की पूर्ति के लिए शरीर स्टोर फैट का उपयोग करता है, जो वेट लॉस में सहायक होता है। - पाचन तंत्र को राहत
उपवास के दौरान पाचन तंत्र को कम काम करना पड़ता है, जिससे शरीर अन्य कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाता है, जैसे- टॉक्सिन्स निकालना, ब्लड शुगर संतुलित करना, ग्रोथ हार्मोन का उत्पादन और इन्फ्लेमेशन कम करना। - बीमारियों से बचाव
फास्टिंग से प्री-डायबिटीज और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है।
यदि आप नियमित रूप से फास्टिंग करते हैं, तो यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।