पिता को ब्लैक फंगस ने जकड़ा, इंजेक्शन के लिए बेटी ने शिवराज से लेकर सिंधिया तक से लगाई गुहार

ग्वालियर। ब्लैक फंगस का शिकार होकर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे व्यवसायी की एक आंख और जबड़ा निकालना पड़ा है। उन्हें अब तक लिपोसोमल एमफोटेरेसिन बी-50 MG इंजेक्शन 80 डोज की दरकरार है। अब वे एक-एक इंजेक्शन को तरस रहे हैं। एक सप्ताह में 800-900 फोन लगाने के बाद भी जब व्यापारी की बेटी को इंजेक्शन नहीं मिला, तो मंगलवार को उसका मार्मिक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरस हो गया।

दर्द भरे शब्दों में बेटी अपने पिता को बचाने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर सिंधिया तक से दर्द बया कर रही है। उसने कहा- शिवराज आप तो मामा हो, अपनी बेटी की बात सुन लो। कहीं से भी इंजेक्शन का इंतजाम करा दो। नहीं तो मेरे पापा की जान खतरे पड़ जाएगी। ट्वीट पर यह वीडियो सीएम शिवराज, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादितय सिंधिया व ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह को भी टैग किया गया है। वीडियो काफी दर्द भरा है।

इसमें रेनू कह रही है कि “मेरे पापा हॉसपिटल में एडमिट हैं। उन्हें एडमिट हुए 8 से 9 दिन हो चुके हैं। फंगस के चलते उनके 3 ऑपरेशन हो चुके हैं। इसके बाद वीडियो में रोते हुए कह रही है कि मेरे पापा की लेफ्ट आई और ऊपर का जबड़ा निकाल दिया गया है। डॉक्टर का कहना है कि जब तक इंजेक्शन नहीं मिलेंगे दिक्कत हो जाएगी। इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है हॉस्पिटल में, इसके लिए मैंने डीएम, डीई व एसडीएम से बात की, लेकिन इंजेकशन नहीं मिल पा रहे हैं। एक सप्ताह में 900 नंबर डायल कर लिए कुछ नहीं मिला। सिर्फ फ्रॉड मिले।

निगम के अधीक्षण यंत्री भी इंजेक्शन को तरसे

नगर के एक निजी हॉस्पिटल में ही नगर निगम के पूर्व अधीक्षण यंत्री प्रदीप चतुर्वेदी भी कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस से जूझ रहे हैं। उनकी हालत भी गंभीर है। उन्हें अब तक केवल 4 इंजेक्शन ही लग सके हैं, जबकि डॉक्टरों ने करीब 80 इंजेक्शन की डिमांड की है। नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी से लेकर चतुर्वेदी के सभी परिचितों, मित्रों व रिस्तेदारों ने सारे प्रयास कर लिये फिर भी इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। चतुर्वेदी को हाल ही में सरकार ने उनके मूल विभाग जीडीए में तबादला कर दिया है, निगम से उन्हें रिलीव कर दिया। इसी बीच वे कोरोना की चपेट में आ गये।

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