बहरोड़। एक पिता ने अपनी ही नौ साल की बेटी के साथ दरिंदगी की। इतना ही नहीं यह पता होते हुए भी घरवाले हैवान पिता का बचाव करते रहे। बच्ची की हालत इतनी बिगड़ गई कि प्राइवेट पार्ट पर टांके लगाए गए। इसके बाद भी घरवााले चुप रहे। मामला अलवर के बहरोड़ थाना क्षेत्र का है। 20 अक्टूबर को 11 बजे अलवर में चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर एक कॉल आता है। कॉर्डिनेटर मुकेश कुमार पोसवाल फोन उठाते हैं। एक शख्स ने बताया … बात पांच-छह दिन पुरानी है, बहरोड़ के एक गांव में एक नौ साल की मासूम के साथ दरिंदगी की गई है और यह दरिदंगी उसके ही पिता ने की है। उसके परिवार में सबको मालूम है, गांव में भी कुछ लोग जानते हैं, लेकिन कोई कुछ नहीं बोल रहा साब।
उसने कहा साब उस मासूम को दर्द होता है, इस दरिंदगी के बाद वह लहुलुहान मिली थी। उसकी हालत देख घर वाले उसे गांव के ही किसी डॉक्टर के पास ले गए। जहां उसके प्राइवेट पार्ट पर नौ टांके आए हैं। उस डॉक्टर ने टांके लगाकर मासूम को घर भेज दिया, लेकिन उसका दर्द कम नहीं हुआ है। उसके चेहरे पर खौफ है, वह डरी हुई है। सहम गई है और घर से बाहर तक नहीं निकल रही है। वह रोती है, कोई ना तो उसकी सिसकियां सुन रहा है और ना ही उसकी पीड़ा समझ रहा है। आप कुछ करो साब। इसके बाद फोन कट गया। कॉर्डिनेटर मुकेश कुमार पोसवाल बताते हैं कि इस सूचना के बाद हमने एक मिनट की देरी नहीं की और अलवर से बहरोड़ के लिए रवाना हो गए, दोपहर तीन बजे गांव पहुंचे। साथ में हेल्प लाइन टीम के लोकेश कुमार, सुबेश कुमार और पूनम देवी थी। गांव में ये लोग जानकारी लेकर पीड़िता के घर पहुंचे। मासूम उस वक्त पड़ोस के बच्चों के साथ थी। टीम ने मासूम से पूछताछ की तो वह सहम गई, लेकिन फिर धीरे धीरे उसने सब कुछ बता दिया कि उसके साथ पिता ने क्या किया। हालाकि इस दौरान कुछ लोग टीम की पूछताछ का विरोध करने लगे। जिस पर टीम जल्दी से मासूम और उसकी मां को लेकर रवाना हो गई, लेकिन इसके लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। मौके से टीम और पुलिस को आरोपी नहीं मिला। उसकी तलाश की जा रही है।
जानकारी के अनुसार बात दे पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी और उसके भाइयों का परिवार एक ही जगह रहता है। इनका दो कमरों का घर है। आराेपी अपनी पत्नी, नौ साल की बेटी और चार व छह साल के दो बेटे साथ घर के पीछे की ओर पशुओं के बाड़े में सोता था। घटना की रात मां ने मासूम को पिता के साथ सोने के लिए भेज दिया और काम निपटाकर दोनों बच्चों को साथ लाने की बात कही। पिता मासूम को साथ ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। जब मां वहां आई तो बेटी लहूलुहान मिली। इसके बाद पूरे घर को बात का पता चला। बताया जा रहा है कि परिवार वाले मासूम को एक डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे।उससे कहा कि यह खेलते वक्त गिर गई। जिससे चोट आई है। इस डॉक्टर ने मासूम की जांच कर प्राइवेट पार्ट पर नौ टांके लगाए। इसके बाद परिवार वाले उसे घर ले आए।
वही पूरा मामला जानने के बाद जब टीम पीड़िता को मेडिकल और एफआईआर के लिए मां के साथ गाड़ी में बैठाने लगी तो परिवार वालों ने ही इसका विरोध शुरू कर दिया। टीम के समझाने पर पीड़िता की मां मासूम को न्याय दिलाने के लिए तैयार थी, वह उसे लेकर टीम की गाड़ी में बैठ गई, लेकिन उसके चाचा-ताऊ सहित अन्य लोगों ने पीड़िता और उसकी मां को जबरन गाड़ी से उतार लिया और टीम के साथ गाली गलौज भी करने लगे। टीम ढाई घंटे तक इन लोगों से समझाइश करती रही, लेकिन फिर थाने से अतिरिक्त जाब्ता मंगवाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब सख्ती दिखाई तब जाकर इन लोगों ने मां बेटी को लाने दिया।