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मध्य प्रदेश में बारिश, आंधी और बिजली गिरने की आशंका… किसान ऐसें रखें फसलों को सुरक्षित

 

भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी दिनों में मौसम विभगा ने भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। IMD ने पूर्वानुमान जारी किया है कि 5 सितंबर को बैतूल, हरदा, देवास, मंदसौर, सिवनी, और बालाघाट जिलों में भारी बारिश या आंधी के साथ बिजली गिरने की संभावना है। इसके बाद 6 सितंबर को बैतूल, हरदा, देवास, रतलाम, मंदसौर, मुरैना, और श्योपुरकलां जिलों में इसी प्रकार की स्थिति रहेगी। 7 सितंबर को अलीराजपुर, झाबुआ, धार, और रतलाम जिलों में भारी बारिश या आंधी के साथ बिजली गिरने की आशंका है।

किसानों के लिए फसल एडवाइजरी

फसलों में पानी जमा न होने दें। खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए जल निकासी चैनल तैयार करें। खेत में पानी जमा होने से बाहरी मेड़ टूट सकती है, इसलिए जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
खरीफ फसलों की देखरेख:

सभी खरीफ फसलों में निराई-गुड़ाई करें, जिससे जड़ों की वृद्धि अच्छी होती है और पानी की खपत भी बचती है। भारी बारिश के पूर्वानुमान के कारण कीटनाशकों और उर्वरकों का प्रयोग बंद कर दें। मौसम साफ होने के बाद ही उनका प्रयोग करें। बारिश को देखते हुए फसल में 0:52:32 (N:P) का छिड़काव करें और खेत की लगातार निगरानी करें। प्रति वर्ग मीटर में 3 से अधिक कीट पाए जाने पर कीटनाशकों का छिड़काव करें। धान के खेतों में जल स्तर (2 से 4 सेमी) बनाए रखें। जहां अंकुरण कम हुआ है या फसल नष्ट हो गई है, वहां कम अवधि वाली फसलों जैसे लोबिया, तिल, ग्वार, सेम और रामतिल की बुवाई करें।

इसके साथ ही खेत में जल निकासी की व्यवस्था करें। फली भरने की अवस्था के दौरान, फली छेदक से बचाव के लिए इंडोक्साकार्ब 15.80% ईसी का छिड़काव करें। चूहों से होने वाली उपज हानि से बचने के लिए फ्लोकोमाफेन 0.005% ब्लॉक बैट का उपयोग करें।

वहीं, दलहन, तिलहन और सब्जियों में उचित जल निकासी व्यवस्था बनाए रखें। इस प्रकार, मौसम की इस अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए फसलों की देखभाल और उचित प्रबंधन से किसानों को नुकसान से बचने में मदद मिलेगी।

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