21 C
Bhopal
Tuesday, November 12, 2024

कृषि मंत्री के गृह जिले में खाद की किल्लत: DAP की जगह दी जा रही नैनो उर्वरक, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

Must read

मुरैना। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना के गृह जिले मुरैना में खाद की भारी किल्लत ने किसानों के बीच गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। स्थिति यह है कि किसानों को डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) की मांग के बावजूद उन्हें नैनो उर्वरक की बोतल और एएनपी रेखड़ा खाद की पर्ची दी जा रही है। ऐसे में किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार उर्वरक न मिलने से रोष व्याप्त है। इस संकट ने राज्य में सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

किसान रोज़ाना बड़ी संख्या में खाद वितरण केंद्रों पर पहुंचते हैं, जहां उन्हें डीएपी खाद के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ता है। कई किसान महिलाओं के साथ रातभर इंतजार करते हैं, लेकिन अंततः उन्हें डीएपी के बजाय नैनो उर्वरक की बोतल थमा दी जाती है, जिससे उनकी फसल के लिए आवश्यक पोषण नहीं मिल पा रहा है। किसानों का कहना है कि डीएपी खाद की कमी ने उनकी खेती को गंभीर संकट में डाल दिया है।

कांग्रेस का सरकार पर हमला

इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि “प्रदेश की सरकार किसानों के साथ छलावा कर रही है। पिछले साल जो खाद की आपूर्ति हुई थी, वह इस बार नहीं हो सकी। किसान उत्तर प्रदेश से डीएपी खरीदने को मजबूर हैं।” उन्होंने आगे कहा कि यह संकट कृषि मंत्री के गृह जिले में हो रहा है, तो बाकी जिलों की स्थिति क्या होगी, इसकी कल्पना की जा सकती है।

किसानों की नाराजगी

मुरैना के किसानों का कहना है कि सरकार की ओर से लगातार खाद आपूर्ति के वादे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। एक किसान ने कहा, “हम रातभर लाइन में लगे रहते हैं और अंत में हमें डीएपी की जगह नैनो उर्वरक की बोतल थमा दी जाती है, जो हमारी फसलों के लिए पर्याप्त नहीं है।” किसानों की इस नाराजगी ने क्षेत्र में राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है।

सरकार की चुप्पी और सवाल

इस पूरे मामले पर सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस बयान नहीं आया है, जिससे किसानों की समस्याएं हल हों। कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने अभी तक इस संकट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। इससे किसानों के बीच असंतोष और बढ़ रहा है। यह सवाल भी उठ रहा है कि अगर कृषि मंत्री के गृह जिले में ऐसी स्थिति है, तो प्रदेश के अन्य जिलों में क्या हालात होंगे?

इस खाद संकट ने राज्य की कृषि व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। किसानों की नाराजगी, विपक्ष के हमले, और सरकार की चुप्पी से यह मुद्दा अब राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बन गया है।

 

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!