ग्वालियर: ग्वालियर में आर्मी के मेजर और एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी के बीच मारपीट की घटना सामने आई है। दोनों के बीच ये विवाद एक सड़क दुर्घटना को लेकर हुआ था। घटना ने शहर में हड़कंप मचा दिया।
दरअसल गुरुवार शाम, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ग्वालियर में थे। सीएम के काफिले के लिए ट्रैफिक पुलिस ने MITS कॉलेज इंद्रमणि नगर चौराहे पर बैरिकेड्स लगाकर रास्ता ब्लॉक कर दिया। इसी दौरान शताब्दीपुरम निवासी आशीष चौहान, जो भारतीय सेना में मेजर हैं और वर्तमान में जोधपुर में पदस्थ हैं, अपनी पत्नी, बहन और दोस्त के साथ कार से जा रहे थे।
इस बीच, एक इनोवा कार ने आशीष की गाड़ी को टक्कर मार दी और भागने लगी। मेजर ने गाड़ी का पीछा किया, लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने उन्हें रोक लिया। दोनों के बीच कहासुनी हो गई, जो कि हाथापाई में बदल गई। मेजर ने ट्रैफिक पुलिसकर्मी की पिटाई कर दी।
इस हंगामे को देख क्राइम ब्रांच पुलिस मौके पर पहुंची और मेजर को गोला का मंदिर थाने ले गई। सूचना मिलने पर मेजर के परिजन और अन्य लोग रात में ही थाने पहुंच गए और ट्रैफिक पुलिसकर्मी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। थाने में आधी रात तक हंगामा चलता रहा।
मेजर की पत्नी मीनाक्षी चौहान ने आरोप लगाया कि ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने उनके पति के साथ मारपीट की और फिर उन्हें गाड़ी में बिठाकर ले गए। मीनाक्षी ने यह भी कहा कि पुलिस ने उन्हें यह नहीं बताया कि पति को कहां ले जाया जा रहा है।
सीएसपी नागेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच मारपीट का आरोप लगाया गया है और मामले की जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
अगले दिन, शुक्रवार सुबह, आर्मी के जवान और अधिकारी ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले पर पहुंचे और ट्रैफिक जवान को सस्पेंड करने की मांग की। मंत्री ने एसपी धर्मसिंह और आर्मी के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें यह आश्वासन दिया गया कि मामले का सम्मानजनक हल निकाला जाएगा।