रीवा। मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र स्थित ग्राम गड़रा में पुलिस टीम पर हमला और एएसआई की हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक दो एफआईआर दर्ज की हैं। इन एफआईआर में लगभग 150 लोगों के खिलाफ मारपीट, हत्या, हत्या के प्रयास, बलवा, सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें एक यूट्यूबर पत्रकार, सरपंच और पूर्व सरपंच शामिल हैं। इन तीनों पर घटना के पहले षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है।
गांव में पुलिस का कड़ा पहरा
गांव में सन्नाटा रहा और वहां धारा 163 लागू की गई है। पुलिस का पहरा बना हुआ है। मऊगंज पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर ने बताया कि पुलिस टीमें आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए तैनात हैं और जल्द ही सभी आरोपितों को पकड़ा जाएगा। इस बीच, संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने बताया कि इस घटना में घायल सभी पुलिसकर्मियों की हालत सामान्य है।
उप मुख्यमंत्री का मृतक के घर दौरा
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने मृतक एएसआई सनी द्विवेदी के परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे। उन्होंने परिवार को आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तारी
हमले को उकसाने के आरोप में पुलिस ने कथित पत्रकार मो. रफीक और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। रफीक के मोबाइल में मिले वीडियो के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
डीजीपी ने बलिदानी एएसआई के घर का दौरा किया
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने सोमवार को शहीद एएसआई रामचरण गौतम के घर पवैया गांव का दौरा किया। उन्होंने शहीद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और परिवार को सांत्वना दी। डीजीपी ने बताया कि सरकार ने कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुए एएसआई के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है, साथ ही एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है।
घटना का विवरण
यह घटना पुरानी रंजिश के चलते हुई, जिसमें एक युवक को बंधक बना कर उसकी पिटाई की गई थी। सूचना मिलने पर जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची, तो ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया। हमले में एएसआई की मौत हो गई, जिससे क्षेत्र में तनाव फैल गया। अब तक दो एफआईआर में करीब 150 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
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