24.1 C
Bhopal
Saturday, November 23, 2024

भारत और चीन के बीच फायरिंग 100-200 गोलियाँ दागीं 

Must read

भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच एक नया खुलासा हुआ है। भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की 10 सितंबर को मॉस्को में हुई बैठक से पहले लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच फायरिंग हुई थी। भारत और चीन के सैनिकों के बीच ये फायरिंग पेंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर हुई और यह चुशूल सेक्टर में हुई फायरिंग से ज्यादा गंभीर थी। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में इसका खुलासा किया गया है।

इस घटना के परिचित एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह घटना पेंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट पर फिंगर्स क्षेत्र पर हावी होने के दौरान हुई। अधिकारी के अनुसार, झील के उत्तरी छोर पर दोनों तरफ से 100 से 200 राउंड हवाई फायर हुए थे। यह घटना रिजलाइन पर हुई थी, जहां फिंगर-3 और फिंगर-4 के इलाके मिलते हैं।

 

अभी पिछले हफ्ते ही एक और मौके पर चीन ने लद्दाख के पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय जवानों की मौजूदगी की ओर बढ़कर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की थी. यहां पर चीन ने वॉर्निंग शॉट्स भी फायर किए थे. जानकारी है कि चीनी सैनिक भाले और राइफल लिए हुए थे और उन्होंने बहुत ही मध्यकालीन तरीके की लड़ाई शुरू करने की कोशिश की थी. इसके पहले 14 जून की रात को गलवान घाटी में दोनों पक्षों में ऐसी ही हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवानों ने अपनी जान दे दी थी. ऐसा पिछले 45 सालों में पहली बार हुआ है, जब LAC पर शॉट्स फायर किए गए हैं. दोनों पक्षों ने इसके लिए एक-दूसरे को आरोपी ठहराया था.

बता दें कि भारत को हाल ही में यहां पर कई ऊंचे इलाकों में कब्जा करके रणनीतिक सफलता मिली है. चीन ने LAC पर यथास्थिति को बदलने की कोशिशें की थीं, जिसे भारत ने नाकाम कर दिया है. चीनी सेना की तरफ से इन ऊंची जगहों पर कब्जा करने की कोशिश में कई उकसावे वाली गतिविधियां की गई हैं, लेकिन भारत अपनी स्थिति मजबूत बनाए हुए हैं. पिछले हफ्ते सामने आए सैटेलाइट इमेज में देखा जा सकता है कि झील के उत्तरी किनारे पर चीन की ओर से निर्माण गतिविधियां चल रही हैं, वहीं दक्षिणी किनारे पर नए चीनी पोस्ट दिखाई दे रहे हैं.

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!