इंदौर : इंदौर एयरपोर्ट को सबसे पहले देशभर में प्लास्टिक फ्री बनाने वाली एयरपोर्ट डायरेक्टर अर्यमा सान्याल का तबादला वाराणसी हो गया है। अभी नए एयरपोर्ट डायरेक्टर की घोषणा नहीं हुई है, इसलिए फिलहाल यह प्रभार संयुक्त महाप्रबंधक (सिविल) प्रमोदचंद्र शर्मा देखेंगे। सान्याल ने दैनिक भास्कर से चर्चा में कहा- इंदौर ने मुझे बहुत अपनापन दिया। साढ़े 4 साल पहले एयरपोर्ट डायरेक्टर के रूप में इंदौर आई थी। अब मैं जहां भी रहूंगी, इंदौर की बेटी बनकर रहूंगी। यहां के लोगों का स्नेह हमेशा याद रखूंगी। सान्याल ने देश में इंदौर एयरपोर्ट को सबसे पहले प्लास्टिक फ्री एयरपोर्ट का खिताब दिलाया था।
सान्याल ने कहा कि यात्री सुविधाएं लगातार बढ़ाना प्राथमिकता रही। हमने इसके लिए लगातार प्रयास किए। इंदौर में पहले 30 फ्लाइट थीं। 25 मार्च 2018 से इंदौर एयरपोर्ट को 24 घंटे के लिए शुरू किया। फ्लाइट संख्या भी बढ़ती रही। 2019 में यहां फ्लाइट संख्या 100 पार हो गई और रोजाना 9500 लोग आवाजाही करने लगे। कोरोना संक्रमण के बाद यह संख्या कम हो गई। हालांकि अब फिर से फ्लाइट और यात्री संख्या बढ़ रही है। सान्याल बोलीं- इंदौर से 15 जुलाई 2019 को पहली इंटरनेशनल फ्लाइट दुबई के लिए शुरू हुई। वह यादगार दिनों में से एक है। कोरोना संक्रमण के चलते जब फ्लाइट्स का संचालन बंद हो गया। तब भी इंदौर एयरपोर्ट चालू रहा। वंदे भारत मिशन के तहत स्पेशल फ्लाइट विदेश में फंसे लोगों को इंदौर लाईं। तब एयरपोर्ट स्टाफ ने लगातार ड्यूटी की।
इंदौर एयरपोर्ट देश का पहला प्लास्टिक फ्री एयरपोर्ट बना। हमने 2018 से ही प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद कर दिया था। इसकी जगह फूड स्टॉल पर ईको फ्रेंडली प्लेट की व्यवस्था करवाई। 2019 में क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) ने देश के 16 एयरपोर्ट की घोषणा की थी। उस सूची में इंदौर को पहला स्थान मिला था। कोरोना संक्रमण के बाद फ्लाइट दोबारा शुरू हुई तब सोशल डिस्टेंसिंग अलार्म लगाया गया। यात्रियों के लगेज सैनिटाइजेशन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई। एयरपोर्ट पर सैनिटाइजेशन नीलभस्मी उपकरण के माध्यम से शुरू हुआ। कैट ने इसे एयरपोर्ट को निशुल्क दिया था।
सान्याल ने अप्रैल 2017 में एयरपोर्ट की जिम्मेदारी संभाली थी। जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने सबसे पहले ग्रीन एयरपोर्ट और क्लीन एयरपोर्ट की दिशा में काम शुरू किया। इसी कड़ी में एयरपोर्ट को प्लास्टिक फ्री बनाने की दिशा में काम शुरू किया। इतना ही नहीं एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुविधा के लिए रोबोट लगाने का प्रयोग किया। रोबोट यात्रियों को जरूरी जानकारी उपलब्ध करवाता था। इसके अलावा उन्होंने दिव्यांगों के लिए साइन लैंग्वेज की व्यवस्था की। एयरपोर्ट पर वाटर हार्वेटिसंग के साथ ही सोलर सिस्टम पर भी खूग काम करवाया।