मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में लगातार बारिश के कारण अधिकांश इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए। सबसे ज्यादा खराब स्थिति होशंगाबाद जिले की है। यहां बीते 24 घंटे में 340.4 मिमी बारिश हो चुकी है। ऐसे में नर्मदा नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। जिले में लगातार भारी बारिश और तवा, बारना, बरगी बांध से पानी छोड़े जाने से नर्मदा नदी में बाढ़ की स्थिति बन रही है। प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए सेना के पांच हैलीकॉप्टर बुलाए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को फिर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किया। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार हरसंभव मदद करेगी।
भोपाल में शिवराज सिंह चौहान ने कहा,कि बाढ़ से बचाव के लिए सेना की मदद ली जा रही है। वहीं प्रशासन भी राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ है। बाढ़ से प्रभावित करीब दस हजार लोगो को सुरक्षित बचाया गया है। 9 हजार से अधिक लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया है। प्रशासन की सजगता के कारण बाढ़ से कोई जनहानि नहीं हुई। श्री चौहान ने यह बात आज सुबह आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कही। उन्होंने कहा,कि अतिवृष्टि के कारण प्रदेश में 12 जिलों के 454 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं । इनकी संख्या और बढ़ सकती है। बाढ़ में फंसे करीब दस हजार लोगों को सुरक्षित बचाया गया। इनमें अधिकांश को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। वहां उनके रहने, भोजन, पानी, दवाओं व अन्य जरूरी सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि होशंगाबाद जिले के वालावेट ग्राम में एक परिवार मूसलाधार बारिश के बाद संकट की स्थिति में आ गया था। इस परिवार के 5 लोगो को इनमें दो दुधमेंहुँ बच्चे भी शामिल है,को बोट की माध्यम से निकाला गया। छिंदवाड़ा, बालाघाट, सीहोर, देवास, सिवनी, रायसेन जिलों में किए हैं। सीहोर के सोमल वाड़ा से 85 लोगो को एअरलिफ्ट कर शाहगंज पहुंचाया गया। 9300 को शिविरों में पहुंचाया। नर्मदांचल के कुछ हिस्सों में 20 वर्ष पूर्व हुई अतिवर्षा का रिकार्ड टूटा है। प्रदेश में 170 राहत शिविर लगाए गए जहां करीब 9300 लोग रह रहे हैं। अनेक स्थानों पर कोरोना के संकट को देखते स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की गई। रात भर जाग कर हालात पर रखी नजर मुख्यमंत्री ने कहा मैंने स्वयं अपने निवास पर नियंत्रण कक्ष बना दिया है।