18.4 C
Bhopal
Sunday, January 12, 2025

बेहतर श्वसन के लिए अपनाएं ये योगासन, बीपी और एंजाइटी पर पाएं नियंत्रण

Must read

इंदौर। योग को सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है, विशेष रूप से ब्रीदिंग तकनीकें जो एंजाइटी से राहत दिलाने में मदद करती हैं। इन योगिक ब्रीदिंग तकनीकों का नर्वस सिस्टम पर गहरा असर पड़ता है, जिससे तनाव और चिंता को नियंत्रित किया जा सकता है। जब हम अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित कर उन्हें धीमा और गहरी करते हैं, तो इसे ब्रीदिंग योग कहा जाता है।

इससे शरीर में रिलेक्सेशन रिस्पॉन्स सक्रिय होता है और फाइट या फ्लाइट की प्रतिक्रियाएं शांत हो जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप हार्ट रेट कम होता है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, और मानसिक शांति आती है। एंजाइटी को कम करने और मानसिक स्थिरता के लिए यह ब्रीदिंग योग की तकनीकें बेहद प्रभावी साबित हो सकती हैं:

बॉक्स ब्रीदिंग– सांस अंदर खींचें, फिर बाहर छोड़ें, और बीच में रुकें। इस प्रक्रिया को दोहराकर आप अपने सांसों पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं और वर्तमान में रह सकते हैं।

4-7-8 ब्रीदिंग – यह सरल लेकिन प्रभावशाली तकनीक है। सांस 4 तक अंदर खींचें, 7 तक रोके रखें, और 8 तक बाहर छोड़ें। इससे मानसिक शांति मिलती है और सांसों पर ध्यान केंद्रित होता है।

लायंस ब्रीदिंग – गहरी सांस लें और जोर से बाहर छोड़ें, मुंह को पूरी तरह खोलते हुए अपनी तनाव और स्ट्रेस को बाहर निकालने का अनुभव करें।

अल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग – बाईं नॉस्ट्रिल से सांस खींचें, दाईं से छोड़ें, फिर दूसरी तरफ से प्रक्रिया को दोहराएं। यह सांस की रिदम को संतुलित करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।

डायाफ्रामाटिक ब्रीदिंग– इस प्रक्रिया में सांस लेते समय पेट पर ध्यान दें, जिससे लंग्स के कार्य में सुधार और सांस संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!