18.1 C
Bhopal
Wednesday, November 20, 2024

बीजेपी को भूल, कांग्रेस ने साधा सिंधिया पर निशाना

Must read

मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में 27 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव नजदीक आ रहे हैं, जहाँ कमलनाथ , सिंधिया , और दिग्विजय सिंह साथ थे आज उनमे विरोध की लेहेर उमड़ आई है। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और कमलनाथ केंप ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमले तेज कर दिए हैं। पहले उन्हें कांग्रेस छोडऩे पर गद्दार कहा गया और अब उन्हें दलित विरोधी साबित करने की मुहिम चलाई जाएगी।यानि भाजपा के बजाए सीधे सिंधिया से युद्ध की रणनीति कांग्रेस के नेताओं ने बनाई है। लेकिन सवाल यही है कि आधे अधूरे तथ्यों के आधार पर किसी को गद्दार कहना या दलित विरोधी कहने से क्या  ये बात ग्वालियर- चंबल संभाग के लोगों के दिलों में कांग्रेस उतार लेगी? अपना आकलन तो यही कहता है कि राजा दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सिंधिया को निशाना बनाकर वही भूल कर रहे हैं जो 2018 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। प्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ थे और भाजपा का चुनाव केंपेंन ‘माफ करो महाराज अपना तो शिवराज’ पर फोकस था। यानि कमलनाथ को साफ रास्ता देकर सिंधिया पर प्रहार की कीमत शिवराज ने ग्वालियर -चंबल संभाग की 34 में से 26 सीटें हारकर चुकाई और बारीक अंतर से बहुमत के जादुई आंकड़े से पिछड़ गए। ग्वालियर -चंबल संभाग के लोगों ने तो कांग्रेस को यह सोचकर जिताया था कि उनके इलाके का नौजवान (ज्योतिरादित्य) मुख्यमंत्री बनेगा, लेकिन सी एम बने कमलनाथ। पीछे से सत्ता की लगाम रही दिग्विजय सिंह के हाथ जिनका सिंधिया परिवार से पुश्तैनी बैर है।

इसी के चलते स्व. अर्जुन सिंह और दिग्गीराजा ने न तो स्व. माधवराव सिंधिया को सीएम बनने दिया और न 2018 में ज्योतिरादित्य सिंधिया को। कहने को तो सिंधिया के आठ मंत्रियों को कैबिनेट में जगह दी गई लेकिन जानने वाले जानते हैं कि नाथ सरकार में इन मंत्रियों की हैसियत क्या थी? अपने साथ धोखे और कांग्रेस में नाथ – दिग्गी के रहते भविष्य में कैरियर को लेकर सशंकित सिंधिया ने भाजपा की राह पकड़ी और कांग्रेस की नाथ सरकार को सडक़ों पर लाकर अनाथ कर दिया। कांग्रेस ने सिंधिया के खिलाफ गद्दारी और दलित विरोधी होने का जो अभियान छेड़ा है उसके कामयाब होने के आसार कम , और विफल होने की आशंका ज्यादा झलक रही है। ऐसा इसलिए दिख रही है क्योंकि आरोप तथ्यपरक नहीं हैं इसलिए आसानी से गले नहीं उतारे जा सकते। सिंधिया राजघराने का तो दिसंबर 1778 में अंग्रेजों से सीधी लड़ाई और अंग्रेजों का पराजित करने का इतिहास रहा है।

 

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!