भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को कर्मचारियों को धमकी भरे अंदाज में कहा है कि संवैधानिक मूल्यों का पालन करें। आप सबको पता है कि प्रदेश में छह महीने बाद कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है, किसी भी अनैतिक कृत्य के लिए उत्तरदायी रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कहा कि पिछले 18 साल महिला अत्याचार एवं बलात्कार के मामले में प्रदेश निरंतर देश में नम्बर एक स्थान पर रहा है। 18 साल में भाजपा सरकार को महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की याद नहीं आई। 18 साल तक जब लाड़ली बहनों की लाज छीनी जा रही थी, तब शिवराज जी को माताओं-बहनों की याद क्यों नहीं आ रही थी? पर अब चुनाव सामने दिखने लगे हैं तो चुनाव के पांच महीने पहले लाड़ली बहनों की याद आ रही है।
कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की आम जनता और बहन बेटियां शिवराज जी की नाटक-नौटंकी अच्छे से समझती हैं और गुमराह नहीं होगी। माताएं-बहनें जानती हैं कि ये शिवराज जी की इवेंटबाजी है जो वे पिछले 15-20 सालों से देखती आ रही हैं। योजना की घोषणा होने के बाद से अब तक कई इवेंट हो गए। करोड़ों रुपये इवेंटबाजी में खर्च कर दिए गए पर आज तक एक रुपया किसी बहन-बेटी को नहीं मिला है। भाजपा सरकार अपनी पार्टी के प्रचार के लिए अपने आयोजनों को सरकारी जामा पहनाकर इवेंटबाजी करने का खर्चा करदाताओं की जेब से काट रही है। आज करोड़ों रुपये की राशि जो कर के रूप में आम जनता से वसूली जाती है, उसका दुरुपयोग भाजपाई इवेंट में किया जा रहा है। कमलनाथ ने कहा कि इन आयोजनों में भीड़ जुटाने के लिए शासकीय मशीनरी का भरपूर दुरुपयोग हो रहा है। सरकारी कर्मचारी अपना संवैधानिक कार्य छोड़कर भाजपाई इवेंट कार्यक्रम के लिए भीड़ जुटाने में लगे हुए हैं। क्या इन्हीं संवैधानिक मूल्यों के आधार पर शासकीय कर्मचारियों ने अपनी सेवा ग्रहण की थी? इसी प्रकार योजना के रजिस्ट्रेशन की कार्यवाही में भी शासकीय कर्मचारियों का भरपूर दुरुपयोग किया जा रहा है। योजना के मापदंडों पर आंख मूंदकर कार्यवाही की जा रही है। इस हेतु अनाधिकृत दबाव कर्मचारियों पर डाला जा रहा है और एजेंट की तरह काम करने के लिए विवश किया जा रहा है।
कमलनाथ ने खातेगांव में पत्रकारों के सवाल पर कहा कि मैं शपथ ग्रहण के लिए सूट नहीं सिलवाता मुख्यमंत्री बनना मेरा लक्ष्य नहीं मेरा लक्ष्य है मध्यप्रदेश की सेवा करना और मध्यप्रदेश के भविष्य को सुरक्षित रखना है। उन्होंने यह भी कहा कि शिवराज जी न केवल घोषणा की मशीन है बल्कि वे झूठ बोलने की भी मशीन है। आज जनता को अपने 18 वर्षों का हिसाब नहीं दे पा रहे। विकास यात्रा निकाली गई। उसका 160 से अधिक जगहों पर विरोध हुआ। पहले कहते थे किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ फिर स्वयं विधानसभा में स्वीकार किया कि 27 लाख किसानों का कर्जा प्रदेश में माफ हुआ है। पहले कहते थे कि हमने संबल बंद की थी। फिर विधानसभा में स्वीकार किया कि कांग्रेस सरकार में संबल योजना बंद नहीं हुई थी।कमलनाथ ने कहा कि शिवराज जी 15 महीनों का हिसाब जोर-शोर से मांगते हैं। लेकिन 215 महीनों का हिसाब जनता को नहीं देते। इन 215 महीनों में इन्होंने 215 घोटाले किए हैं। आज मात्र स्कूलों के पेपर ही लीक नहीं हो रहे स्कूलों की छतें भी लीक हो रही हैं।