भोपाल। मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के तेवर नरम होते दिख रहे हैं। प्रदेश में शराबबंदी लठ और आंदोलन कर बंद कराने की बात करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि जिनको शराबबंदी पर बोलना है बोले, मेरा क्यों इंतजार कर रहे हैँ।
भोपाल में अपने निवास पर मीडिया से बात करते हुए उमा भारती ने कहा कि मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही है कि शराबबंदी के खिलाफ मैं अकेले नहीं हूं। प्रदेश का 80 प्रतिशत जनमत शराबबंदी चाहता है। वो करें उनको जो करना है। मैं अपने आपको बहुत बड़ा तीस मारखां नहीं मानती हूं। मैं शराब के खिलाफ हूं। मध्य प्रदेश में शराब बंदी होनी चाहिए। इसमें मैं विश्वास करती हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवराज जी हमारे ही मुख्यमंत्री हैं। निजी जीवन में उनकी सुचिता साधु संतों जैसी है। गृहस्थ होते हुए भी एक संत व्यक्ति हैं। वीडी शर्मा इसी प्रकार से हैं। हमारे संगठन मंत्री तो हमारे प्रचारक ही होते हैं। यह सभी लोग शराब के खिलाफ हैं। जब ये सभी लोग शराब के खिलाफ हैं तो क्या अड़चनें हैं जो दूर नहीं हो पा रही हैं। इसको लेकर शिवराज जी से बात करेंगे। जिनको शराबबंदी पर बोलना है वह वह बोले मेरा क्यों इंतजार कर रहे हैं। मैं इस पर 14 फरवरी के बाद अपनी बात रखूंगी।