ग्वालियर। ग्वालियर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि हमारे अंदर वह शक्ति है, जिला पंचायत, पंचायत, नगर पालिकाएं, नगर निगम में 50% आरक्षण मिला है। लोकसभा और विधानसभा को छोड़कर हमें (महिलाओं को) आरक्षण मिला हुआ है। जब हम पुरुषों के साथ काम करते हैं तो उनकी भी सीट हम छीन लेते हैं। हम भी पुरुषों की सीट से विधायक रहे। हम 2004 में जिला पंचायत सदस्य बन गए थे। 2008 से अब तक विधायक रहे हैं। बीच में हम हार गए। हमने पार्टी बदल लई ना इसलिए। नहीं तो हमें कोउ नहीं हरा पाते।
इमरती देवी ने कहा कि हम राजनीति में आए तो लोग बात करने लगे। हमें कोई असर नहीं पड़ा। जो लोग हमारे बारे में बात करते थे, वह आज इमरती देवी के पैर छूने के लिए लाइन लगाते हैं। ये हुनर हमारा होना चाहिए। जो लोग विरोध कर रहे हैं, वह हमारे पैर छूने कब आएंगे, इस हुनर के साथ हमें काम करना चाहिए।
इमरती देवी ने इस दौरान एक किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति आए और कहने लगे कि बिटिया का ट्रांसफर कराना है। हमने पूछा कि कहां कराना है तो बोले-झांसी। हमने पूछा कि क्या करती है तो उन्होंने बताया कि ट्रेन की पायलट है। ट्रेन चलाती हैं। हमें बहुत अच्छा लगा। हमने उनसे कहा कि सुबह ग्वालियर जाएंगे तो सिंधिया जी से बात कर ट्रांसफर करवा देंगे।