भोपाल: मध्यप्रदेश के बड़े शहरों जैसे भोपाल, इंदौर, जबलपुर, और सागर में आर्थिक रूप से कमजोर मजदूरों और गरीब यात्रियों के लिए जल्द ही निःशुल्क रैन बसेरा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 100 बिस्तरों वाले मॉडल रैन बसेरा बनाने का निर्णय लिया है, जिसमें श्रमिकों को ठहरने, नहाने, और प्राथमिक उपचार की सुविधा मिलेगी।
100 बिस्तरों का मॉडल रैन बसेरा
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 16 नगर निगम क्षेत्रों में 100 बिस्तरों वाले रैन बसेरा तैयार करने का निर्देश दिया है। इन रैन बसेरों का निर्माण 6 करोड़ रुपए की लागत से होगा और इसका संचालन जिले के कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। यह रैन बसेरा मजदूरों के लिए विशेष रूप से तैयार किए जा रहे हैं, ताकि ठहरने के लिए उन्हें किसी होटल या लॉज में पैसे न देने पड़ें।
प्राथमिक चिकित्सा के लिए डिस्पेंसरी भी उपलब्ध
रैन बसेरों में नहाने और शौचालय की सुविधाओं के साथ-साथ प्राथमिक उपचार के लिए डिस्पेंसरी भी होगी। यह रैन बसेरे केवल रात गुजारने के लिए बनाए जाएंगे, जहां लोग होटल की तरह लंबे समय तक नहीं रुक सकेंगे।
श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार मंडल द्वारा चार श्रमोदय आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 3500 से अधिक छात्र सीबीएसई पाठ्यक्रम में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन विद्यालयों से कई छात्रों ने जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है, वहीं कुछ नेवी और सशस्त्र बलों के लिए भी चयनित हुए हैं।
इस पहल से राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी और श्रमिकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर मिलेंगे।