भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य के 15 लाख शासकीय कर्मचारियों को आयुष्मान योजना जैसी स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने की तैयारी कर रही है। इस नई योजना के तहत, कर्मचारियों को पांच लाख रुपये तक सामान्य और दस लाख रुपये तक गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए कैशलेस सुविधा उपलब्ध होगी। योजना के अनुसार, कर्मचारियों के वेतन से अंशदान काटा जाएगा, जिसके तहत उन्हें चिकित्सा बीमा मिलेगा। इसके लिए वेतन से 250 रुपये से लेकर 100 रुपये तक मासिक अंशदान लेने की योजना बनाई जा रही है। शेष राशि का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत, कर्मचारियों को प्रदेश और बाहर स्थित निजी अस्पतालों से अनुबंध के आधार पर इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, सामान्य चिकित्सा के लिए पांच लाख रुपये और गंभीर बीमारियों के लिए दस लाख रुपये तक का फ्री इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। साल के अंत तक इस योजना को लागू करने की तैयारी की जा रही है, और कर्मचारी संगठनों ने भी कैशलेस उपचार की सुविधा की मांग की है, जिसे सरकार पूरा करने की दिशा में काम कर रही है।
सरकार ने फरवरी 2020 में कर्मचारियों के लिए फ्री इलाज की घोषणा की थी और अब इसे पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। यह योजना कर्मचारियों के स्वास्थ्य लाभ को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी और प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई सुविधा जोड़ेगी।इस योजना के लागू होने के बाद, सरकारी कर्मचारियों को स्वास्थ्य उपचार में महत्वपूर्ण आर्थिक राहत मिलेगी, जिससे उनके स्वास्थ्य लाभ को बेहतर तरीके से सुनिश्चित किया जा सकेगा।
दरअसल, इस योजना को मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना कहा जा रहा है, सरकारी कर्मचारियों को आयुष्मान योजना जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगी। इस योजना का उद्देश्य है कि सरकारी कर्मचारियों को आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना, जिससे वे इलाज के दौरान आर्थिक बोझ से मुक्त हो सकें। इस योजना के माध्यम से कर्मचारियों को सामान्य चिकित्सा के लिए प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार मिलेगा। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए प्रति वर्ष 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध होगा।
इसके साथ ही कर्मचारियों के वेतन से मासिक अंशदान के रूप में 100 रुपये से लेकर 250 रुपये तक की कटौती की जाएगी। साथ ही शेष राशि का भुगतान सरकार करेगी, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक राहत मिलेगी। योजना के तहत, प्रदेश और प्रदेश के बाहर स्थित निजी अस्पतालों से अनुबंध किया जाएगा, जिससे इलाज के लिए व्यापक विकल्प उपलब्ध होंगे। योजना का लाभ सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्य भी उठा सकेंगे।