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Tuesday, November 19, 2024

गैंगरेप पीड़िता नाबालिग से मारपीट का मामला: आरोपी अधिकारियों को कोर्ट ने दी फौरी राहत

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धर्मेन्द्र शर्मा , ग्वालियर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने उपनगर मुरार थाना क्षेत्र में रहने वाली एक दलित नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप घटना के बाद उसके साथ कथित रूप से पुलिस अफसरों द्वारा की गई मारपीट को लेकर पिछले दिनों दिए गए पुलिस अफसरों के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है ।

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पुलिस अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक और विभागीय कार्रवाई पर भी स्टे कर दिया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुमन गुर्जर सीएसपी रामनरेश पचौरी थाना प्रभारी अजय सिंह पवार सिरोल थाना प्रभारी प्रीति भार्गव और सब इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय को ग्वालियर चंबल संभाग से बाहर पोस्टेड करने संबंधी आदेश में बदलाव करते हुए डिविजन बेंच ने कहा है कि जब तक इस मामले की अपील पर पूरी तरह से सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक इन अफसरों को सिर्फ ग्वालियर जिले से बाहर रखा जाए। यानी अफसरों को दूसरे जिले में भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं ।हाईकोर्ट की एकल पीठ ने करीब 12 दिन पहले इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।

साथ ही मुरार के थाना इंचार्ज अजय पवार और सब इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय जिन पर कथित रूप से नाबालिग लड़की के साथ मारपीट करने और उसके माता-पिता से अभद्रता करने का आरोप था। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए थे। दरअसल जनवरी महीने में उपनगर मुरार में रहने वाली एक दलित नाबालिग लड़की के साथ आदित्य भदोरिया और उसके एक साथी ने दुष्कर्म किया था ।मामले की शिकायत करने जब लड़की थाने पहुंची तो थाना प्रभारी ने इस लड़की और उसके परिजनों के साथ मारपीट की। इस मामले में लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान भी दर्ज कराए थे और शरीर पर चोटों के निशान भी जज को दिखाए थे।

न्यायमूर्ति जीएस आहलूवालिया ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे और संबंधित पुलिस अफसरों जिन पर इस मामले को दबाने का आरोप था। उन्हें ग्वालियर चंबल संभाग से बाहर भेजने के निर्देश दिए थे ।इसके अलावा थाना प्रभारी अजय पवार और स्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय के खिलाफ एफआईआर के भी आदेश दिए गए थे। इसके खिलाफ पुलिस अफसरों और सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील दायर की थी जिस पर सोमवार को ही सुनवाई हुई थी। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में पुलिस अफसरों को फौरी तौर पर बड़ी राहत दे दी है ।

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