भोपाल: मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, सागर और नर्मदापुरम संभाग के 18 जिलों में गोवंश सड़कों पर घूमते नजर आ रहे हैं, क्योंकि जिन गोशालाओं में उन्हें रखा जाना था, वे अधूरी छोड़ दी गई हैं। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 1454 गोशालाओं में से 553 गोशालाओं का निर्माण अधूरा है। इनमें से कई गोशालाओं में सिर्फ 5-6 फीट की दीवारें खड़ी कर निर्माण कार्य छोड़ दिया गया है, जबकि इसके लिए पूरा बजट जारी किया जा चुका है।
अधूरी गोशालाओं के चलते सड़कों पर गोवंश की समस्या बढ़ गई है, जिससे हादसे हो रहे हैं। पिछले साल इन हादसों में 62 लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावा, गोवंश खुद भी इन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे है।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि इन अधूरी गोशालाओं के निर्माण के लिए सरपंच और सचिवों द्वारा पूरा पैसा हड़प लिया गया है। रिपोर्ट में 46 गोशालाएं ऐसी हैं, जिनमें सरपंच और सचिवों ने निर्माण कार्य अधूरा छोड़कर करीब 18 लाख रुपये खर्च कर दिए हैं। अब इन अधूरी गोशालाओं की जगह पर हवाई पट्टी बनाने की योजना बनाई जा रही है।
संभाग आयुक्त दीपक आर्य का कहना है कि अभी तक इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। यदि ऐसी कोई शिकायत सामने आती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ बिलोद स्थित रसमू पंचायत की गोशाला की तस्वीरें इस समस्या की एक बानगी हैं, जहां अधूरा निर्माण कार्य साफ नजर आता है और गोशाला का काम पूरी तरह बंद हो चुका है।
सरकार और प्रशासन से सवाल उठ रहे हैं कि कब तक ये गोवंश सड़कों पर भटकते रहेंगे और कब तक आम जनता को इनसे होने वाले हादसों का सामना करना पड़ेगा।