भोपाल। भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में जॉर्ज कुरियन को घोषित कर दिया है। जॉर्ज कुरियन का नामांकन कल, यानी 22 अगस्त को दाखिल किया जाएगा। राज्यसभा उपचुनाव के लिए मतदान 3 सितंबर को होगा।
यह निर्णय केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट को भरने के संदर्भ में लिया गया है। भाजपा के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत रखें, विशेष रूप से तब जब राज्यसभा में मध्य प्रदेश की 11 सीटों में से 8 पर उनका कब्जा है।
बीजेपी ने की आधिकारिक घोषणा
बीजेपी ने आज जॉर्ज कुरियन को उम्मीदवार के रूप में घोषित किया। इस घोषणा के साथ ही पार्टी ने अपने राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट कर दिया है और अब पूरे राज्य में इस सीट को लेकर सक्रियता बढ़ गई है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चाएँ
राजनीतिक गलियारों में पहले से ही कई नामों की चर्चा चल रही थी, जिनमें पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व सांसद केपी यादव, और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जैसे प्रमुख नाम शामिल थे। इसके अलावा, तमिलनाडू के नेता एल मुरुगन पहले से ही मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं, जिससे पार्टी ने एक बाहरी उम्मीदवार को राज्यसभा में भेजने की संभावना को भी माना।
हालांकि, जॉर्ज कुरियन का नाम अचानक से उभरा और पार्टी ने इसे अंतिम रूप दे दिया। जॉर्ज कुरियन, जो कि केरल के रहने वाले हैं और भाजपा के लिए कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं, वर्तमान में किसी सदन के सदस्य नहीं हैं।
अन्य दावेदार और संभावनाएं
गौरतलब है कि भाजपा के भीतर स्मृति ईरानी और नरोत्तम मिश्रा जैसे दावेदारों के नाम भी सामने आए थे। स्मृति ईरानी को राज्यसभा में भेजने की चर्चा की जा रही थी, खासकर लोकसभा चुनाव में हार के बाद उनकी राजनीतिक स्थिति को देखते हुए। वहीं, नरोत्तम मिश्रा के नाम की भी चर्चा थी, क्योंकि वे भाजपा के प्रवक्ता और कई कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने के प्रमुख कारण थे।
नामांकन और मतदान की प्रक्रिया
जॉर्ज कुरियन का नामांकन कल भरे जाने के बाद, राज्यसभा उपचुनाव की प्रक्रिया 3 सितंबर को मतदान के साथ पूरी होगी। बीजेपी के इस कदम से जॉर्ज कुरियन की राजनीतिक महत्वता और मध्य प्रदेश में पार्टी की रणनीति की एक झलक मिलती है। जॉर्ज कुरियन की नियुक्ति से पार्टी को राज्यसभा में और भी मजबूती मिल सकती है, खासकर जब वे एक अनुभवी और प्रभावशाली नेता के रूप में उभरते हैं।