भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उन्हें लघु उद्योगों से जोड़ने की योजना पर जोर दिया है। मंत्रालय में शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि हुनरमंद लाड़ली बहनों को चिन्हित कर उन्हें लघु उद्योगों में शामिल किया जाए, जिससे उनके आर्थिक उन्नयन का मार्ग प्रशस्त हो सके। साथ ही प्रदेश भर में आंगनबाड़ी केंद्रों का उपयोग कर हुनरमंद महिलाओं की पहचान की जाएगी। इन महिलाओं को लघु उद्योगों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्था को जनसहयोग से व्यवस्थित करने की बात करते हुए कहा कि जहां नए आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जाने हैं, वहां CSR फंड का उपयोग किया जाए। विशेष रूप से जनजातीय बहुल क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों को प्रभावी बनाने के लिए भी रणनीतियों पर चर्चा की गई।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बेटियों के सशक्तिकरण के लिए “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन पर भी जोर दिया। बैठक में बताया गया कि महिलाओं के लिए प्रदेश में शक्ति सदन और सखी निवास संचालित किए जा रहे हैं, जो उनकी सुरक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण का माध्यम हैं। मुख्यमंत्री ने मिशन वात्सल्य के तहत फोस्टर केयर की मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए, ताकि बच्चों की देखभाल और उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हो सके। साथ ही विभिन्न योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की, जिनमें मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण और पोषण अभियान शामिल हैं।
इस बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, मुख्यमंत्री कार्यालय और महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला, प्रमुख सचिव वित्त मनीष रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहें।