भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात कर केन-बेतवा लिंक परियोजना और अन्य नदी जोड़ो परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। इस बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने केन-बेतवा परियोजना से सिंचाई का रकबा बढ़ाने पर सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की।
मुख्यमंत्री का आग्रह और केंद्रीय मंत्री का आश्वासन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केन्द्रीय मंत्री से मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के लिए चल रही केन-बेतवा लिंक परियोजना को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्होंने इस परियोजना के तहत राज्य में सिंचाई के क्षेत्र को बढ़ाकर 2,50,000 हेक्टेयर करने का प्रस्ताव रखा, जो पहले 90,100 हेक्टेयर था। इस पर केंद्रीय मंत्री पाटिल ने सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया और आवश्यक धनराशि शीघ्र जारी करने की भी बात कही।
अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर चर्चा
बैठक में पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, जो भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 70,000 करोड़ रुपए की योजना है, पर भी विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश न केवल समीपवर्ती राज्यों के साथ नदियां जोड़ने पर कार्य कर रहा है, बल्कि अन्तर्राज्यीय नदियों को जोड़ने पर भी विचार कर रहा है। इस संदर्भ में कान्ह और गंभीर नदियों को जोड़ने के प्रारंभिक प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई, जिसे सैद्धांतिक स्वीकृति मिली।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की सराहना
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत मध्यप्रदेश में 21 में से 17 योजनाओं के पूर्ण होने की जानकारी दी, जिस पर केंद्रीय मंत्री पाटिल ने प्रदेश सरकार की सराहना की। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ पर्व के लिए घाट निर्माण और नदी सफाई से संबंधित प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्री को प्रस्तुत किए।
समाज और क्षेत्र के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
यह बैठक मध्यप्रदेश के जल संसाधनों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। केन-बेतवा लिंक परियोजना जैसे महत्वाकांक्षी योजनाओं से प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है, जो लंबे समय से पानी की कमी से जूझ रहा है। इस पहल से कृषि और पेयजल की समस्या का समाधान होगा, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास संभव हो सकेगा।