भोपाल। मध्य प्रदेश में ओलावृष्टि से एक लाख 71 हजार से ज्यादा किसानों की फसलें खराब हुई हैं। इन सभी किसानों को अब सरकार राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रविधान के अनुसार आर्थिक सहायता देगी। इसके लिए कार्यक्रम गुरुवार को होगा। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राहत राशि वितरण की शुरुआत करेंगे। किसानों को पौने दो सौ करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश के 25 जिलों में ओलावृष्टि से खरीफ की फसलें प्रभावित हुई थी। एक-एक गांव का संयुक्त दल बनाकर सर्वे कराया गया। पंचनामा बनाकर प्रभावित किसानों की सूची पंचायत भवन में चस्पा कराई गई, ताकि दावा आपत्ति की जा सके।
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को खरीफ 2020 और रबी 2021 सीजन का फसल बीमा तो दिया, पर उस राशि में से कर्ज की वसूली कर ली। बजट खाते में जो राशि जमा हुई है, उसकी निकासी पर भी रोक लगा दी है। इससे किसान परेशान हो रहे हैं। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कही और किसानों से अपील की है कि उनके साथ ऐसा हो रहा है तो इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालें। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साल के विलंब से सरकार ने किसानों को फसल बीमा तब दिया, जब किसानों ने हरदा में पदयात्रा निकाली। राशि देने के साथ यह शिकायतें आने लगी हैं कि जो फसल बीमा बैंक खातों में जमा हुआ, उससे बैंकों ने बकाया की राशि की वसूली कर ली।
साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि किसानों के बचत खातों में जो राशि जमा हुई है, उसकी निकासी पर भी रोक लगा दी है। उधर, कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि फसल बीमा की राशि किसान के खातों में जमा कराई गई है। नियमानुसार ही बैंक राशि का समायोजन करते हैं। फसल बीमा का प्रीमियम तक कमल नाथ सरकार ने जमा नहीं किया था। इसकी वजह से किसानों को 2019 का फसल बीमा नहीं मिला था। शिवराज सरकार आने के बाद दो हजार 200 करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा करके किसानों को बीमा राशि दिलाई गई थी।