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Thursday, September 19, 2024

खुशखबरी: मध्यप्रदेश के हर शहर में बनेंगे शॉपिंग मॉल, अब इंदौर-भोपाल आने की नहीं जरुरत

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भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मध्यप्रदेश के सभी बड़े और छोटे शहरों में शॉपिंग मॉल बनाने की योजना का ऐलान किया है। इस मॉल में केवल स्थानीय व्यवसायियों द्वारा निर्मित उत्पादों को बेचने की अनुमति होगी। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन मॉल में किसी भी बाहरी या विदेशी कंपनी के उत्पादों के लिए जगह नहीं होगी, जिससे स्थानीय व्यापार को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। पहले चरण में उज्जैन में यूनिटी मॉल का निर्माण किया जाएगा।

देश का पहला यूनिटी मॉल उज्जैन में बनेगा

डॉ. यादव ने बताया कि उज्जैन में बनने वाला यूनिटी मॉल अपनी तरह का देश का पहला मॉल होगा। इस मॉल में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के तहत जीआई (Geographical Indication) उत्पाद, हस्तशिल्प और अन्य स्थानीय उत्पादों की बिक्री और प्रचार-प्रसार किया जाएगा। यह मॉल एक वन-स्टॉप मार्केटप्लेस होगा, जहाँ स्थानीय उत्पादकों को सीधा लाभ मिलेगा।

महिला उद्यमियों के लिए साप्ताहिक हाट

मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिया कि भोपाल हाट सहित प्रदेश के अन्य प्रमुख स्थानों पर महिला उद्यमियों के लिए साप्ताहिक हाट आयोजित किए जाएंगे, जहां वे अपने उत्पादों की बिक्री कर सकेंगी। इसमें दोना-पत्तल निर्माण जैसे छोटे उद्योगों को पर्यावरण अनुकूल बनाने पर भी जोर दिया गया है। मूर्ति शिल्पकारों को राष्ट्रीय स्तर के शिल्पकारों से प्रशिक्षण दिलवाने की भी योजना बनाई गई है।

ई-कॉमर्स पोर्टल की शुरुआत

मध्यप्रदेश सरकार अपने स्थानीय उत्पादकों और कुटीर उद्योगों को ऑनलाइन प्लेटफार्म प्रदान करने के लिए एक ई-कॉमर्स पोर्टल भी शुरू करेगी। इस पोर्टल के माध्यम से छोटे उद्यमियों के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग को निर्देश दिए कि वे इस पोर्टल के माध्यम से राज्य और देशभर में उत्पादों की बिक्री को बढ़ाएं और निर्यात का भी प्रयास करें।

बांस उत्पादन और शहद संग्रहण को मिलेगा प्रोत्साहन

डॉ. मोहन यादव ने बांस उत्पादन को प्रोत्साहित करते हुए अगरबत्ती निर्माण जैसे कुटीर उद्योगों को लाभ पहुंचाने की योजना का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि नदियों के किनारे बांस के पौधों का घना रोपण किया जाएगा, जिससे न सिर्फ जल कटाव रोका जाएगा, बल्कि बांस उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा शहद संग्रहण के लिए भी व्यापक स्तर पर प्रयास किए जाएंगे और संग्रहणकर्ताओं को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाने के लिए मृगनयनी और अन्य बिक्री काउंटरों पर शहद की बिक्री की जाएगी। यह कदम न केवल स्थानीय व्यवसायों को सशक्त करेगा, बल्कि राज्य के छोटे-छोटे उत्पादकों को एक व्यापक मंच प्रदान करेगा।

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