G-LDSFEPM48Y

MP में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को लेकर अटक रहीं सरकारी भर्तियां

भोपाल। भोपाल। कांग्रेस की पूर्व कमल नाथ सरकार ने प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को सरकारी नौकरी में 27 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रविधान तो कर दिए थे, लेकिन अब तक न्यायालय इससे समहत नहीं है। इस वर्ष एक लाख कर्मचारियों की भर्तियां की जानी हैं, लेकिन न्यायालय के सख्त रुख के बाद प्रक्रिया उलझ सकती है। हाल ही में इंदौर खंडपीठ ने कहा कि मध्य प्रदेश में 14 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से ही ओबीसी के आरक्षित पदों पर भर्ती की प्रक्रिया की जाए। राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती में ओबीसी अभ्यर्थियों की 27 प्रतिशत आरक्षण के अनुसार भर्ती कर ली है। इससे मध्य प्रदेश के ओबीसी के साथ अन्य वर्ग के युवा अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है।

 

मप्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा भी कई वर्षों से अटकी पड़ी है। कई अन्य परीक्षा में युवा अभ्यर्थी परीक्षा उत्तीर्ण कर चयनित होने के बाद नियुक्ति के इंतजार में हैं। ऐसे में अब विधि विभाग सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है।

 

 

बता दें कि कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2019 में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए लोक सेवा आरक्षण संशोधन अधिनियम 2019 पारित करते हुए शिक्षा में प्रवेश और अन्य राज्य सेवाओं में ओबीसी वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया गया था। उधर, पुलिस आरक्षक भर्ती के परीक्षार्थी राहुल शर्मा की याचिका पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण दिए जाने के कारण भर्ती पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया आयोजित करने वाले मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (पूर्व में पीईबी) को निर्देश दिया है कि चयन सूची 14 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से दोबारा बनाई जाए। अलग-अलग न्यायालय में अब 50 से अधिक याचिकाएं लगाई जा चुकी हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!