भोपाल। शराब ठेकेदारों पर सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। समय पर ठेके की राशि वसूलने के लिए नई व्यवस्था की गई है। अब लाइसेंसी ठेकेदार किसी एक समूह की शराब दुकानों की ठेके की राशि का भुगतान समय पर नहीं करता है तो आबकारी पोर्टल पर शराब दुकानों की सप्लाई रोक दी जाएगी, जो पोर्टल पर डिफाल्टर के रूप में संबंधित जिला अधिकारी की लागिन आइडी पर अलर्ट दिखाएगी। हालांकि, समूह में शामिल शराब दुकानों की संपूर्ण शेष पाक्षिक किस्त की निर्धारित राशि का भुगतान कर दिया जाता है तो शराब सप्लाई दोबारा शुरू हो जाएगी। सप्लाई के लिए चालान की तारीख या पक्ष संबंधी कोई बंधन नहीं होगा। ई-वालेट व्यवस्था लागू होने से चालन की व्यवस्था खत्म हो गई है। ऐसे में अब आबकारी पोर्टल पर समस्त राशि में से लाइसेंसी द्वारा आवश्यकतानुसार राशि पर शराब की सप्लाई ली जा सकेगी। अर्थात एक चालन पर आंशिक सप्लाई या एक से अधिक चालानों पर एक साथ सप्लाई भी ली जा सकेगी
सात दिन बाद भी ठेके की राशि का भुगतान नहीं होता है तो इस आधार पर जिला आबकारी अधिकारी संबंधित लाइसेंसी के उत्तरदायित्व पर उसको आवंटित एक समूह की शराब दुकानों को जारी लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर देगा। शराब दुकानों की समय पर जमा की जाने वाली संपूर्ण राशि निर्धारित समय तक जमा नहीं करने पर पोर्टल पर आगे की शराब सप्लाई बंद कर दी जाएगी और वह समूह पोर्टल पर डिफाल्टर घोषित हो जाएगा।
मध्य प्रदेश आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव ने बताया कि ठेके की राशि चार किस्तों में जमा की जाती है, लेकिन अमूमन ठेकेदार समय पर राशि का भुगतान नहीं करते हैं और गोडाउन से शराब उठा लेते है। ठेकेदार से समय पर शराब ठेके की पाक्षिक राशि जमा कराने के लिए नई व्यवस्था की गई है। अगर ठेकेदार समय पर राशि जमा नहीं करता है तो उसकी शराब सप्लाई रोक दी जाएगी और उसे आबकारी पोर्टल पर डिफाल्टर प्रदर्शित किया जाएगा। इसके बाद भी भुगतान नहीं होता है तो उसका लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।