ग्वालियर। नगर निगम के 2020- 21 के बजट में आम लोगों की सुविधाओं पर बढ़ाए गए टैक्स को सरकार ने 24 घंटे में ही गुरुवार को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया है। ग्वालियर में जन सुविधाओं पर लगाए जाने वाले ज्यादातर टैक्सों को दोगुना कर दिया था। जिसके बाद कांग्रेस विरोध में उतर आई थी। लेकिन नगरीय निकाय चुनावों को देखते हुए सरकार ने ऐसा पैंतरा बदला की कांग्रेस के विरोध करने से पहले ही उन्होंने आगामी आदेश तक इस पर रोक लगा दी है। जिससे टैक्स बढ़ोतरी का मुद्दा कांग्रेस के हाथ में आते आते निकल गया है। तो वहीं भाजपा के नेता नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर इसमें भी श्रेय लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
कांग्रेस को विरोध करने का नहीं दिया मौका
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नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने बुधवार शाम ग्वालियर नगर का साल 2021-22 का बजट पेश किया था। लगभग 1290 करोड़ रुपए का बजट संभागायुक्त एवं प्रशासक आशीष सक्सेना के समक्ष पेश किया गया । जिसे प्रशासक की मंजूरी के साथ 1 अप्रेल से लागू करने की सहमति भी दे दी गई थी। जिसमें शहर के लोगों को मिलने वाली सुविधाओं में लगाए जाने वाले टैक्सों को दोगुना कर दिया जिसको लेकर कांग्रेस बजट को जनविरोधी बताकर विरोध करने की तैयारी कर रही थी। ग्वालियर दक्षिण से कांग्रेस के विधायक प्रवीण पाठक ने जल प्रदाय ,मल जल तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं पर लगाए टैक्सों को वापस लेने निगम प्रशासक को पत्र लिखा था। तो वही ग्वालियर पूर्व विधायक डॉक्टर सतीश सिंह सिकरवार भी इस पर विरोध जता रहे थे। वही चेंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज भी इसका विरोध कर रहा था। इससे पहले कि कांग्रेस सड़कों पर उतर उतर पाती। इससे पहले ही गुरुवार को 24 घंटे में ही इन सभी बड़े हुए टैक्सो को आगामी आदेश तक वापस ले लिया है। जिसके बाद नगरीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस के हाथ से एक बड़ा मुद्दा छीन लिया है।
बीजेपी नेता खुद की पीठ थपथपाने में लगे…
खास बात यह है, कि मध्यप्रदेश में आगामी दिनों में नगरीय निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार किसी भी तरह का विरोध नहीं चाहती है। जिसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है। साथ ही ऐसा करके सरकार ने कांग्रेस के हाथ से बीजेपी को घेरने का एक बड़ा मौका छीन लिया है, तो वहीं बीजेपी के नेता खुद ही अपनी पीठ थपथपा रहे हैं और इसका पूरा श्रेय लेने की होड़ में लगे हैं। हालांकि इन सबके बीच जनता को एक बड़ जरूर राहत मिली है।