भोपाल। मध्य प्रदेश के महाविद्यालय में पढ़ाने वाले अतिथि विद्वानों को सीधी भर्ती के पदों पर आयु सीमा में छूट दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 32 साल पुराने मध्य प्रदेश शैक्षणिक सेवा महाविद्यालयीन शाखा भर्ती नियम 1990 में बदलाव कर इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। अब ऐसे अभ्यर्थी जिसने प्रदेश के शासकीय कालेज में अतिथि विद्वान के रूप में कार्य किया हो तथा जिसने सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी या ग्रंथपाल के स्वीकृत पद पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन किया हो, उसे कार्य के अनुभव के आधार पर अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष तक की छूट दी जाएगी।
इसी तरह ऐसे अभ्यर्थी जिसने प्रदेश के शासकीय कालेज में अतिथि विद्वान के रूप में सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी या ग्रंथपाल का कार्य किया हो तथा उसी विषय के सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी या ग्रंथपाल के स्वीकृत सीधी भर्ती के पद के लिए आवेदन किया हो, उसे अधिकतम 20 वरीयता अंकों के अंतर्गत प्रत्येक सत्र के लिए अधिकतम चार अतिरिक्त वरीयता अंक प्राप्त होंगे। यह वरीयता अंक अंतिम वरीयता सूची तैयार करते समय जोड़े जाएंगे। उपरोक्त दोनों छूट वर्ष 2022 तक मप्र लोक सेवा आयोग के माध्यम से विज्ञापित की जाने वाली चयन प्रक्रिया में, उन अतिथि विद्वानों को प्रदान की जाएगी, जो 2019-20 में किसी शासकीय कालेज में अतिथि विद्वान के रूप में कार्य कर रहे थे।