Gwalior Mela : 1905 में कैलाशवासी माधवराव सिंधिया प्रथम ने ग्वालियर व्यापार मेला शुरू किया था। तब से अनवरत मेले का आयोजन हो रहा है, मेले का स्वरूप बदलता व भव्य भी होता जा रहा है। यहां तक कि कोरोना के संकटकाल में भी मेला आयोजन की परंपरा नहीं टली।
इस बार चूंकि मेला देरी से शुरू हुआ है, इसलिए देरी से संपन्न भी होगा। 15 फरवरी से शुरू हुए मेले का समापन 15 अप्रैल को करने की घोषणा है। ऐसे में 116 साल के इतिहास में पहली बार मेले में होली मनाई जाएगी। मेले के व्यापारी जमकर-रंग गुलाल उड़ाएंगे साथ ही रंग-पिचकारी का व्यापार भी करेंगे।
खास बात यह है कि जिस तरह मेले में आटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स, लगेज, घर सजाने का सामान, खिलौने आदि का बंपर व्यापार होता है। वेसे ही कुछ व्यापार की उम्मीद रंग करोबारी भी कर रहे हैं।
माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया का कहना है कि 29 मार्च को होली है। ऐसे में व्यापारियों ने मेले में ही होली खेलने के साथ ही रंग-गुलाल, पिचकार का व्यापार करने की भी योजना बना ली है।
– महाशिवरात्रि पर विशेष आयोजन संभावित
11 मार्च को महा शिवरात्रि पर्व है। ऐसे में इस साल मेला अवधि में महाशिवरात्रि भी मनाई जाएगी। 1 मार्च से मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शुरू हो जाएंगे। ऐसे में पूरी संभावना है कि महा शिवरात्रि के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।