भोपाल। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को बहाल कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अब 17 जनवरी को सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होगी। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से वकील हरीश साल्वे और केंद्र सरकार की ओर से तुषार मेहता आज सुप्रीम कोर्ट में मौजूद रहे लेकिन सुनवाई नहीं हो पाई। अब राज्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया जाएगा कि पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की गणना कराई जा रही है।
राजनीतिक तौर पर उनकी स्थिति का आकलन करने के लिए पंचायतों में अनारक्षित पदों पर चुने गए पिछड़ा वर्ग के जनप्रतिनिधियों की जानकारी जुटाई जा रही है। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी 52 प्रतिशत से अधिक है। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश सरकार को पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का प्रतिवेदन तैयार करने के लिए चार माह का समय दिया जाए।