भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार से अगले 5 दिन तक पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश (Heavy rain) की चेतावनी जारी की। निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने भी कहा कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से अगले 24 घंटे के दौरान नई मानसूनी हवाओं का सिस्टम बन सकता है। इस सिस्टम के कारण मानसून के इस बार अपने अनुमानित समय से 15-20 दिन देरी से लौटने के आसार बन गए हैं।
दिल्ली में 16 से 18 सितंबर के बीच हो सकती हैं तेज बारिश
स्काईमेट के आकलन के मुताबिक, नए सिस्टम के कारण बहने वाली पूर्वी मानसूनी हवाओं का असर 13 से 18 सितंबर के बीच मध्य व उत्तर भारत के राज्यों पर रहेगा। इसके असर से 14 और 15 सितंबर को महाराष्ट्र तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश में भारी बारिश होगी तो 16 से 18 सितंबर के बीच उत्तरी मध्य प्रदेश व राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसपास के इलाकों में भारी बारिश दर्ज की जाएगी।
सितंबर की बारिश का कोटा हो जाएगा पूरा
सितंबर में इस बार पहले 10 दिन के दौरान सामान्य से 29 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई थी। लेकिन स्काईमेट के वैज्ञानिकों का कहना है कि आगामी दिनों में लगातार दो मौसमी सिस्टम बंगाल की खाड़ी पर बनने वाले हैं, जिससे बारिश की यह कमी दूर हो जाने के आसार हैं।
प्याज की आवक पर पड़ेगा असर, आसमान छू सकते हैं दाम
बारिश के कारण पुराने प्याज की आवक धीमी होने के चलते पहले ही महानगरों में आसमान छू रहे दामों में और ज्यादा तेजी आ सकती है। प्याज व्यापारियों का कहना है कि जुलाई से सितंबर के बीच आंध्र प्रदेश व कर्नाटक से खरीफ की फसल के तौर पर आने वाली प्याज इस बार बारिश में भीगकर खराब हो गई है। गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में स्टोर की गई प्याज भी इन प्रदेशों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के चलते नमी पकड़ने के कारण खराब हो रही है। इसके चलते पहले से ही लगातार बढ़ रहे प्याज के दामों में और ज्यादा तेजी आ सकती है।सप्लाई घटने के कारण थोक मंडियों में ही प्याज के दाम 23 से 30 रुपये प्रति किलो तक उछल गए हैं, जबकि अगस्त माह में यहीं पर दाम 8 से 10 रुपये प्रति किलो तक चल रहे थे। व्यापारियों ने ऐसा ही चलते रहने पर दामों के अक्तूबर माह में 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंचने के आसार जताए हैं। हालांकि यह हालात नवंबर में नई फसल आने पर सुधरने की संभावना भी बनी हुई है।