भोपाल।वर्तमान में बांग्लादेश और उसके आसपास एक गहरा कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इस मौसम प्रणाली के शुक्रवार को अवदाब के क्षेत्र में परिवर्तित होकर आगे बढ़ने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस मौसम प्रणाली के असर से शुक्रवार से रीवा, सागर, जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में झमाझम वर्षा का दौर शुरू होने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। रविवार को पूरे प्रदेश में बौछारें पड़ने का सिलसिला शुरू हो सकता है। उधर गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक जबलपुर में 12.8, रतलाम में चार, खरगोन में तीन, धार में तीन, उज्जैन में 0.6, इंदौर में 0.1 मिली मीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में किसी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने के कारण दो दिनों से वर्षा की गतिविधियों में कमी आ गई थी। हालांकि गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मध्य प्रदेश में कुल 772.8 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य वर्षा 651.4 मिलीमीटर की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में मानसून ट्रफ चुरू, दिल्ली, बरेली, हिमालय, मालदा, कोलकाता से बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। बांग्लादेश और उसके आसपास एक गहरा कम दबाव का क्षेत्र बना है। इसके शुक्रवार को उत्तरी बंगाल की खाड़ी में पहुंचकर अवदाब के क्षेत्र में बदलकर पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है।
इसके प्रभाव से शुक्रवार से रीवा, जबलपुर, सागर, शहडोल संभागों के जिलों में झमाझम वर्षा का दौर शुरू हो सकता है। इस मौसम प्रणाली के असर से 21 अगस्त को पूरे मध्य प्रदेश में अच्छी वर्षा होने की उम्मीद है। शुक्ला के मुताबिक एक गहरा कम दबाव का क्षेत्र अभी भी राजस्थान और उससे लगे पाकिस्तान के आसपास मौजूद है। इसके अतिरिक्त गुजरात के तट से महाराष्ट्र के तट तक अपतटीय ट्रफ भी बना हुआ है, जिसके चलते अरब सागर से भी नमी मिल रही है।