जबलपुर। कटनी में पदस्थ टीआई संदीप अयाची के खिलाफ महिला कांस्टेबल ने महिला थाने जबलपुर में शादी का प्रलोभन देकर दुष्कर्म करने की शिकायत दर्ज करवाई थी। महिला कांस्टेबल का आरोप था कि साल 2018 में गोरखपुर थाने में पदस्थापना के दौरान वह थाना प्रभारी के करीब आई थी। उसके बाद वह शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ दुराचार करते रहे।
दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार टीआई संदीप अयाची को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राहत दे दी है। हाईकोर्ट के जज डीके पालीवाल ने पाया कि आरोपी टीआई को जमानत का लाभ प्रदान किया गया है। गौरतलब है कि कटनी में पदस्थ टीआई संदीप अयाची के खिलाफ महिला कांस्टेबल ने महिला थाने जबलपुर में शादी का प्रलोभन देकर दुष्कर्म करने की शिकायत दर्ज करवाई थी। महिला कांस्टेबल का आरोप था कि साल 2018 में गोरखपुर थाने में पदस्थापना के दौरान वह थाना प्रभारी के करीब आई थी। उसके बाद वह शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ दुराचार करते रहे। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर टीआई के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।
अग्रिम जमानत आवेदन खारिज होने के बाद आरोपी टीआई ने सरेंडर कर दिया था। आरोपी टीआई सितंबर महीने से न्यायिक हिरासत में है। पहले हुई सुनवाई के दौरान पीड़िता द्वारा न्यायालय को अशोभनीय भाषा में पत्र लिखने का मामला सामने आया था। एकलपीठ के समक्ष उपस्थित होकर पीड़ता ने किसी प्रकार का पत्र लिखने से इनकार कर दिया था। एकलपीठ ने न्यायालय को प्राप्त हुए दो पत्रों की जांच के निर्देश दिए थे। जांच में पत्र फर्जी पाए गए और पुलिस ने उक्त मामले में मामला दर्ज किया था।
जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने एकलपीठ को बताया कि आरोपी बीते चार महीने से न्यायिक हिरासत में है। पुलिस ने उसके खिलाफ चालान पेश कर दिया था। शिकायतकर्ता महिला बालिग और पुलिस कांस्टेबल है। दोनों के बीच आपसी सहमति से संबंध स्थापित हुए थे और उसके द्वारा झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है।हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता को ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर बयान दर्ज करवाने का आदेश दिया था। आदेश के बावजूद भी शिकायतकर्ता बयान दर्ज करवाने के लिए ट्रायल कोर्ट में उपस्थित नहीं हुई। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को जमानत का लाभ प्रदान किया है।
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