इंदौर: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इंदौर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है, क्योंकि पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के एक मामले में 29 महत्वपूर्ण सबूतों के नष्ट हो जाने का दावा किया है। पुलिस का कहना है कि ये सबूत चूहों द्वारा नष्ट कर दिए गए। यह चौंकाने वाला मामला तब सामने आया जब अदालत में अंसार अहमद की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी।
अंसार अहमद पर लगा था पत्नी की हत्या का आरोप
अंसार अहमद पर अगस्त 2021 में अपनी पत्नी ताहिरा बी को डंडे से पीटने का आरोप था, जिससे पीड़िता के सिर, हाथ, और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई थीं। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में अंसार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया था।
चूहों ने बर्बाद कर दिए 29 सबूत
पुलिस के अनुसार, इस मामले में कुल 29 सबूत, जिनमें महत्वपूर्ण विसरा सैंपल भी शामिल थे, चूहों द्वारा नष्ट कर दिए गए। जब 4 अक्टूबर को जोन 2 के डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा और विजय नगर थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल अदालत में पेश हुए, तो उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में चूहों ने प्लास्टिक की बोतलों में रखे सैंपल्स को खराब कर दिया था। इससे जांच के लिए आवश्यक हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट नहीं बन पाई।
हाई कोर्ट ने पुलिस पर साधा निशाना
जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों को जांच के दौरान जब्त सामग्री की सुरक्षा के लिए उचित इंतजाम करने चाहिए। उन्होंने कहा कि अब इस मामले में कुछ नहीं किया जा सकता, लेकिन इससे पुलिस थानों की दयनीय स्थिति उजागर होती है, खासकर जहां सबूतों को रखा जाता है।
पुलिस थानों की स्थिति पर सवाल
अदालत ने कहा कि इस घटना से यह साफ हो जाता है कि इंदौर जैसे व्यस्त शहरों के पुलिस थानों की हालत कितनी खराब है। हाई कोर्ट ने राज्य के पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया कि वे सभी पुलिस थानों के मालखानों की स्थिति की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
विभागीय जांच के आदेश
डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने अदालत को बताया कि इस लापरवाही के लिए मालखाना प्रभारी और SHO के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही, सबूतों को दूसरे कमरे में सुरक्षित स्थान पर रखा गया है, और कमरे को साफ कर सील करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है।
इस घटना ने पुलिस थानों में सबूतों के रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाई कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और पुलिस थानों में सबूतों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। उम्मीद की जाती है कि इस घटना से सबक लेकर राज्यभर के पुलिस थानों में सबूतों की सुरक्षा के लिए बेहतर व्यवस्था की जाएगी।