गुना। गुना में छात्राओं से अश्लील हरकत करने और उन्हें पोर्न दिखाने के आरोपी शिक्षक को कोर्ट ने 6 साल की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपी पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। यह एक लाख रुपए पीड़ित छात्राओं को दिए जाएंगे। इस मामले में 5 में से 4 छात्राएं कोर्ट में अपने बयानों से पलट गई थीं। केवल एक छात्रा अपने बयान पर अडिग रही। उसी के बयान के आधार पर कोर्ट ने आरोपी को दोषी माना। पॉक्सो मामलों की विशेष न्यायाधीश वर्षा शर्मा ने इस केस में फैसला सुनाया। वहीं शासन की ओर से एडीपीओ ममता दीक्षित ने पैरवी की।
गुना में सरकारी स्कूल का बायोलॉजी टीचर प्रदीप सोलंकी छात्राओं को पोर्न दिखाता था। छात्राओं का आरोप था कि टीचर उन्हें जब देखो तब रीप्रोडक्टिव चैप्टर ही पढ़ाते रहते थे। शिक्षक कहते थे कि ये उनके फ्यूचर में काम आएगा। छात्राओं ने 22 दिसंबर 2021 को वार्डन को पत्र लिखा था। वार्डन ने कैंट थाने में टीचर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पर टीचर के खिलाफ छेड़खानी, पॉक्सो एक्ट और जेजे एक्ट के तहत केस दर्ज कर टीचर को अरेस्ट कर लिया गया था। बाल कल्याण समिति ने भी मामले की जांच की थी। उस समय 12वीं में बॉयोलॉजी स्ट्रीम में 7 छात्राएं थीं। इसमें से 5 छात्राओं ने शिकायत दर्ज कराई थी। छात्राओं ने स्कूल हॉस्टल की वार्डन को भी लेटर लिखकर शिकायत की थी। इसमें टीचर प्रदीप सोलंकी पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। लेटर में लिखा था- टीचर बायोलॉजी का एक ही चैप्टर ह्यूमन रीप्रोडक्टिव सिस्टम बार-बार पढ़ाते हैं। पढ़ाते वक्त वह अश्लील फोटो और वीडियो दिखाते थे।
छात्राओं से कहता था- जल्द प्रिंसिपल बनने वाला हूं
एक छात्रा ने लेटर में लिखा- टीचर क्लास रूम के बजाय बायोलॉजी लैब में ज्यादा क्लास लेते हैं। एक दिन वह अपनी दोस्त के साथ प्रैक्टिकल की कॉपी लेने गई। टीचर ने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। वह किसी तरह छूटकर भागी। जब कहा कि आपकी शिकायत करेंगे, तो कहते थे कि वह जल्द स्कूल के प्रिंसिपल बनने वाले हैं। कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। मामला सामने आने के बाद बाल कल्याण समिति जांच करने स्कूल पहुंची थी। इस दौरान स्कूल की पुरानी छात्राएं भी पहुंच गईं थीं। उन्होंने बताया कि चार साल पहले भी टीचर ने उनके साथ ऐसी हरकत की थी। सुनवाई के दौरान 5 में से 4 छात्राएं अपने आरोपों से मुकर गईं। केवल एक छात्रा अपने बयान पर टिकी रहीं। उसने कोर्ट के सामने शिक्षक की सारी करतूतें बताईं। छात्रा के बयानों और अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा- “आरोपी ने एक शिक्षण संस्थान, जो शिक्षा का मंदिर है, उसके प्रबंधन में एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए, पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी शारीरिक लालसा की दैहिक पूर्ति के लिए स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं का शारीरिक एवं मानसिक शोषण किया है।”
बता दें कि कुल दो प्रकरण शिक्षक के खिलाफ दर्ज किए गए थे। इनमे एक पॉक्सो, छेड़छाड़ की धाराओं में दर्ज किया गया था। वहां दूसरा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत दर्ज किया गया था। कोर्ट ने जेजे एक्ट में आरोपी को 6 वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। अपील की अवधि के बाद आरोपी को जुर्माना जमा करना होगा। यह पैसा क्षतिपूर्ति के रूप में छात्राओं को दिया जाएगा। वहीं छेड़छाड़ की धारा में आरोपी को 2 वर्ष और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में आरोपी को 4 वर्ष की सजा कोर्ट ने सुनाई है।