ग्वालियर। मध्यप्रदेश में नर्सिंग परीक्षाओं के मामले में हाईकोर्ट ने सख्ती बरकरार रखी है। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नर्सिंग परीक्षाओं पर लगी रोक हटाने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि मामला बच्चों के भविष्य से जुड़ा है इसलिए नर्सिंग परीक्षा में राहत नहीं दी जा सकती है। मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते होगी।
बता दें प्रदेश में 28 फरवरी से नर्सिंग परीक्षाएं शुरू होने वाली थी लेकिन परीक्षाओं से ठीक 24 घंटे पहले हाईकोर्ट ने इन परीक्षा पर रोक लगा दी। कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया था। याचिका में नर्सिंग कॉलेजों को गलत तरीके से मान्यता देने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद कोर्ट ने Bsc नर्सिंग, Bsc पोस्ट बेसिक, Msc नर्सिंग की परीक्षा पर रोक लगा दी थी। जिसमें याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि नर्सिंग कॉलेजों में पुराने शिक्षण सत्र की मान्यता गलत तरीके से दी गई है। इस मामले को लेकर शासन और कुछ नर्सिंग कॉलेजों ने छात्रों के भविष्य का हवाला देकर माननीय उच्च न्यायालय से नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक हटाने के लिए गुहार लगाई थी लेकिन हाईकोर्ट ने पूरी तरह इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा है कि कॉलेजों ने साल 2019 से 2021 की संबद्धता जुलाई 2022 में ली थी, जो गलत है। साथ ही 2023 के नोटिफिकेशन पर पुराने सत्र के छात्रों को अनुमति नहीं दी जा सकती है। याचिकाकर्ता वकील दिलीप ने बताया है कि आज शासन और कुछ नर्सिंग कॉलेजों द्वारा नर्सिंग परीक्षाओं पर लगाई गई रोक को हटाने की मांग की थी लेकिन माननीय उच्च न्यायालय ने कहा कि बच्चों के भविष्य का सवाल है ऐसे में परीक्षाओं पर लगी रोक को नहीं हटाया सकता। अब इस मामले को लेकर अगले सप्ताह सुनवाई होनी है।