भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार में मौजूदा गृहमंत्री और दतिया से विधायक डॉ. नरोत्तम मिश्रा के लिए आज का दिन अहम है। नरोत्तम के खिलाफ पेड न्यूज वाले मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इससे पहले 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई थी और अगली तारीख 12 अप्रैल यानी आज की तारीख अंतिम सुनवाई के लिए तय की गई थी।
तीन साल तक चुनाव लड़ने के लिए ठहराया था अयोग्य
इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने 23 जून 2017 को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10A के तहत 3 साल के लिए नरोत्तम मिश्रा को अयोग्य घोषित किया था। इस फैसले को लेकर डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अपील की थी। इसके बाद शिकायतकर्ता राजेन्द्र भारती ने मप्र में राजनीतिक दबाव को आधार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठाया था। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने केस को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करा दिया था।
दिल्ली हाईकोर्ट से भी मिला था नरोत्तम को झटका
इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 14 जुलाई 2017 को नरोत्तम मिश्रा की अपील को खारिज करते हुए निर्वाचन आयोग के आदेश को यथावत रखा था। बाद में नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की थी। इसमें सिंगल बेंच और निर्वाचन आयोग के खिलाफ आदेश पारित किया गया। हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश के बाद शिकायतकर्ता राजेन्द्र भारती और भारत निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग अपील दायर की थी।
शिकायतकर्ता राजेन्द्र भारती ने तुरंत सुनवाई की अपील दायर की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा 16 फरवरी 2023 को सभी पक्षों की सहमति से 2 मार्च को पेड न्यूज केस में सुनवाई की तारीख दी गई, लेकिन 2 मार्च को सुनवाई टलने के बाद आज यानी 12 अप्रैल की तारीख तय की गई।
नरोत्तम का राजनीतिक भविष्य फैसले पर टिका
एमपी के इस चर्चित केस में राजेन्द्र भारती की ओर से पैरवी करने के लिए कांग्रेस के तत्कालीन वरिष्ठ नेता एवं वकील कपिल सिब्बल, पूर्व मंत्री पी. चिदम्बरम और सांसद विवेक तन्खा कोर्ट में पेश हुए थे। अब कपिल सिब्बल के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनकी जगह कांग्रेस पार्टी अपने किसी अन्य सीनियर वकील को पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट में खड़ा करेगी। आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर नरोत्तम का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है। यदि सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के फैसले को यथावत रखा तो मंत्री पद के साथ नरोत्तम की विधायकी और अगला चुनाव लड़ना खटाई में पड़ सकता है।
पेड न्यूज केस में कब क्या हुआ
2008 के विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज छपवाने को लेकर राजेन्द्र भारती ने 2009 में निर्वाचन आयोग में शिकायत की।
आठ साल तक निर्वाचन आयोग में सुनवाई चली। आयोग ने एक्सपर्ट कमेटी बनाई। इस कमेटी ने 46 खबरों को पेड न्यूज की कैटेगरी में माना।
23 जून 2017 को RPI एक्ट की धारा 10A में नरोत्तम मिश्रा को तीन साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया था।
चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ नरोत्तम ने हाईकोर्ट दिल्ली की सिंगल बेंच में अपील की।
14 जुलाई 2017 को दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने नरोत्तम के खिलाफ फैसला दिया।
16 जुलाई 2017 को डबल बेंच से भी नरोत्तम को स्टे नहीं मिल पाया। इसके चलते नरोत्तम राष्ट्रपति के चुनाव में वोट नहीं दे पाए थे।
28 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने नरोत्तम को स्टे दिया। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच में सुनवाई हुई।
दिल्ली हाईकोर्ट ने करीब छह-सात महीने तक चली सुनवाई के बाद अक्टूबर 2018 में चुनाव आयोग के खिलाफ फैसला देकर नरोत्तम को राहत दी।
दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश को लेकर याचिकाकर्ता राजेन्द्र भारती और चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
सुप्रीम कोर्ट में मामला लीव ग्रांटेड में चला गया।
2019 में राजेन्द्र भारती ने अर्ली हियरिंग की याचिका लगाई जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।
राजेन्द्र भारती ने अप्रैल 2022 में फिर अर्जेंट हियरिंग की याचिका लगाई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को स्वीकार कर 2 मार्च को फाइनल हियरिंग की तारीख दी थी।।2 मार्च को सुनवाई नहीं हुई और सुप्रीम कोर्ट ने 12 अप्रैल यानी आज अंतिम सुनवाई की तारीख तय की है।