भोपाल। धरना, जुलूस, हड़ताल, बंद, दंगा या व्यक्तियों के समूह द्वारा पत्थरबाजी, आग लगाने या तोड़फोड़ से सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर अब उनसे वसूली की जाएगी। इसके लिए सरकार घटना विशेष के लिए दावा अधिकरण गठित करेगी। यह तीन माह में जांच करने के बाद क्षतिपूर्ति की राशि तय करेगा, जिसका भुगतान संबंधित को 15 दिन में करना होगा। इसके लिए उस व्यक्ति को आवदेन करना होगा, जिसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। इसके लिए गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को विधानसभा में ‘मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक-2021″ प्रस्तुत किया। इस पर गुरुवार को चर्चा होगा। कानून बनने के बाद सरकार इसके नियम अलग से बनाएगी।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और हरियाणा में पत्थरबाजों द्वारा सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर क्षतिपूर्ति दिलाने का कानून लागू है। इसका अध्ययन करने के बाद गृह विभाग ने अधिनियम तैयार किया है। इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार के साथ स्थानीय निकाय, सहकारी संस्था, कंपनियों और निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई हो सकेगी। अधिकरण का अध्यक्ष सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश का बनाया जाएगा। इसमें एक सदस्य सेवानिवृत्त सचिव या समकक्ष अधिकारी रहोग।
अधिकरण सभी तथ्यों की जांच करने के बाद तीन माह के भीतर अपना फैसला सुनाएगा। जिसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, उसे एक माह के भीतर आवेदन करना होगा। नुकसान का आकलन करने के लिए अधिकरण अधिकारी नियुक्त कर सकेगा। क्षतिपूर्ति की राशि दोगुना तक हो सकता है। संबंधित व्यक्ति को इसका भुगतान 15 दिन में करना होगा। यदि तय समय सीमा में भुगतान नहीं होता है तो ब्याज लगाया जा सकेगा। इसकी वसूली ठीक उसी तरह से की जाएगी जैस भू-राजस्व के बकाया की वसूली होती है। इसमें चल-अचल संपत्ति नीलाम भी की जा सकती है। अधिकरण को सिविल कोर्ट के अधिकार होंगे। इसके आदेश को 90 दिन के भीतर हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी। पुलिस की कार्रवाई अलग से चलती रहेगी।