इंदौर: मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट के पांच मामले मिलने के बाद एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि लोगों को वर्तमान में लगाए जा रहे कोविड रोधी वैक्सीन महामारी के इस नए प्रकार के खिलाफ भी कारगर हैं। प्रदेश के लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने यहां संवाददाताओं से कहा, “राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के पांच मामलों में से तीन मरीजों ने कोविड-19 रोधी वैक्सीन पहले ही लगवा रखा था और उन्हें कोरोना वायरस के इस प्रकार के संक्रमण के बाद भी अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। इसका मतलब वैक्सीन इस वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी है।”
उन्होंने कहा, “दिल्ली के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के एक अधिकारी ने हमें बताया है कि डेल्टा प्लस की संक्रामकता अपेक्षाकृत ज्यादा है। हालांकि, फिलहाल देश में इस वेरिएंट के ज्ञात मामलों की तादाद काफी कम है। लिहाजा अभी यह भविष्यवाणी कर पाना सही नहीं होगा कि आबादी पर कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट के क्या परिणाम होंगे?”
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने हालांकि कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस के ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट को लेकर सतर्क है और यह पता लगाने के लिए लोगों के नमूने लेने की प्रक्रिया तेज की जाएगी कि प्रदेश में वायरस के इस प्रकार का संक्रमण बढ़ तो नहीं रहा है। उन्होंने एनसीडीसी के अधिकारी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुधवार को हुई बातचीत का हवाला देते हुए यह भी बताया कि मध्य प्रदेश उन पांच राज्यों में शामिल है जहां केंद्र सरकार जीनोम अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) की नयी सुविधा की शुरुआत करेगी।
सुलेमान के मुताबिक कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीनकरण को लेकर प्रदेश में उत्साह बना हुआ है और अब जनजातीय इलाकों में भी टीकों की मांग बढ़ रही है। उन्होंने इंदौर जिले में सोमवार को 2.25 लाख लोगों को कोविड-19 रोधी वैक्सीन लगाने का राष्ट्रीय कीर्तिमान रचे जाने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा, “अगर हम पर्याप्त मात्रा में टीकों का इंतजाम कर पाए, तो इंदौर जिले की पूरी पात्र आबादी को वैक्सीन की पहली खुराक देने का काम जुलाई के मध्य तक खत्म किया जा सकता है।” अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि समूचे प्रदेश की पूरी पात्र आबादी को वैक्सीन की पहली खुराक देने के लिए सितंबर अंत तक का लक्ष्य रखा गया है।