ग्वालियर। पुलिस ने एक मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो महिलाएं, एक किन्नर और दो युवक शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों में पूजा शर्मा, उसके पति सत्यनारायण जाटव, उसकी पत्नी नीलम गोस्वामी, किन्नर शालू और दीपक बाल्मीकि शामिल हैं। इस मामले में 20 दिन की एक बच्ची को भिंड और 3 साल के एक लड़के को उत्तर प्रदेश से बरामद किया गया। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस रैकेट की पहचान एक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की वजह से हुई। पूछताछ में पता चला कि सत्यनारायण जाटव और उसकी पत्नी नीलम गोस्वामी भिंड के निवासी हैं और पूजा शर्मा भिंड में एक टिफिन सेंटर चलाती हैं। शालू किन्नर उत्तर प्रदेश के करहल का निवासी है।
खुलासा कैसे हुआ-
दरअसल, 19 अगस्त को सरोज वंशकार ने मुरार थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि एक महिला ने उनके तीन साल के बेटे और 20 दिन की बेटी को कपड़े देने के बहाने होटल बुलाया। वहां शराब पीने के बाद महिला और उसके साथी उन्हें मछली मंडी ले गए, जहां सरोज बेहोश हो गई। इसके बाद आरोपी बच्चों को लेकर फरार हो गए। पुलिस ने मछली मंडी में की गई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड खंगाला और सत्यनारायण जाटव का मोबाइल नंबर ट्रेस किया। इसके आधार पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान, सत्यनारायण ने अपने साथी आरोपियों के नामों का खुलासा किया और बताया कि बच्चों को शालू किन्नर और पूजा शर्मा के पास भेजा गया था।
पुलिस ने सत्यनारायण के बयान के आधार पर शालू किन्नर को करहल से गिरफ्तार किया। शालू ने बताया कि उसे बच्चा दिया गया था। इसके बाद, पुलिस ने भिंड के मौ में पूजा शर्मा और दीपक बाल्मीकि को पकड़ा और वहां से बच्ची को बरामद किया। पूछताछ के दौरान पता चला कि पूजा शर्मा ने सत्यनारायण को बच्ची के लिए दो हजार रुपए एडवांस दिए थे। हालांकि, पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि बच्चों को बेचा गया था या नहीं और बच्चों को किन्नर के पास छिपाने का उद्देश्य क्या था। वहीं, मुरार थाना प्रभारी एमएम मालवीय ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों को रिमांड में लेकर विस्तृत पूछताछ की जाएगी। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस रैकेट के और भी नेटवर्क हैं या नहीं। पुलिस को इस मामले में और भी खुलासे की उम्मीद है।