पति ने पत्नी को चार साल तक एक कमरे में रखा बंद, एक दिन छोड़कर देता था खाना 

मंदसौर। चार साल बाद पति की कैद से आजाद हुई महिला ने जब आपबीती सुनाई तो लोगों के होश उड़ गए। महिला को उसका पति एक दिन छोड़कर खाना देता था, जिससे वह काफी कमजोर हो गई है। कमरे में ही एक गड्ढे में महिला शौच करती थी। मंदसौर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला को पति ने चार साल तक एक छोटे से कमरे में बंद रखा था, जालिम पति पत्नी को एक दिन छोड़कर खाना दिया करता था, कमरे में शौच के लिए एक गड्ढा बना था, जिसके चलते पूरे कमरे में दुर्गंध आ रही थी। लंबे समय से कैद में रह रही महिला शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हो गई है। वहीं, महिला के परिजनों ने बताया कि जब वे उससे मिलने की कोशिश करते थे, तो महिला का पति उन्हें मारकर भगा देता था। दो दिन की काउंसलिंग के बाद महिला ने पुलिस को चार साल की आपबीती सुनाई, महिला की शिकायत पर उसके पति पर केस दर्ज कर लिया गया है।

 

 

 

जानकारी के अनुसार मामला मंदसौर के नाहरगढ़ थाना इलाके के पिपलिया कराड़िया गांव का है। 17 साल पहले उसकी शादी हुई थी। महिला 10वीं तक पढ़ी है, वह गांव में ही छोटे-छोटे लोन देने वाले समूह चलाया करती थी। कुछ सालों पहले उसके पति ने उसे मानसिक रूप से बीमार बताकर घर के एक कमरे में कैद कर लिया, महिला के बंधक बनाने की सूचना जब विक्षिप्त आश्रय गृह को मिली तो महिला पुलिस की मदद से मंगलवार को महिला को पति की कैद से मुक्त कराया गया। मंगलवार को रतलाम जिले के ताल क्षेत्र के खारवा गांव से महिला के पिता और भाई उसे लेने मंदसौर पहुंचे। पिता और भाई को देखकर महिला अपने आंसू नहीं रोक सकी। विक्षिप्त आश्रय गृह की संचालिका अनामिका जैन ने बताया कि गांववालों से एक महिला को चार साल तक घर में कैद रखने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद उसे महिला पुलिस की मदद से छुड़ाया गया, फिलहाल महिला की काउंसलिंग की जा रही है।

 

 

महिला के पिता ने बताया कि उसका एक बेटा और बेटी। 17 साल पहले बेटी की शादी मंदसौर में की थी। चार साल पहले बेटी की तबीयत खराब हुई थी, तब उसका इलाज राजस्थान में कराया था, इसी दौरान दामाद आया और बेटी को ससुराल लेकर चला गया। जब भी बेटी का हाल जानने उसके ससुराल जाता था तो दामाद उससे मिलने नहीं देता था, उल्टा मारने के लिए दौड़ता था। गांव वालों ने कई बार कहा कि बेटी को ले जाओ उसके घरवाले उसे बुरी तरह रखते हैं। दामाद की मार के डर से मैंने बेटी के सुसराल जाना बंद कर दिया। बच्चों को परेशानी न हो इसके चलते पुलिस में शिकायत नहीं की। महिला के भाई ने बताया कि जब भी बहन का हाल चाल जानने के लिए जीजाजी को फोन करता था तो वह बहन से बात कराने की जगह हमेशा कहते थे, कि वह सो रही है, या फिर इलाज के लिए लेकर आया हूं। कई बार बहन से मिलने भी गया लेकिन जीजाजी पत्थर मारकर भगा देते थे। बहन की सास भी लड़ाई-झगड़ा करती थी।

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