भोपाल। भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में 43 साल की महिला चार दिन से जिंदगी की जंग लड़ रही है। उस पर उसके पति ने हथौड़े से जानलेवा हमला किया था। महिला का कसूर सिर्फ इतना है कि उसने बच्चों की खातिर बेरहम पति को छोड़ दिया था। इससे नाराज पति ने हथौड़े से पत्नी का चेहरा बिगाड़ दिया और गला दबाकर उसकी हत्या की कोशिश की। फिलहाल 18 साल की बेटी ही मां और छोटे भाई की देखभाल कर रही है। मां की हालत देख बेटी का कहना है कि ऐसे पापा को जेल में जाना चाहिए। उन्होंने कभी पिता का धर्म नहीं निभाया। गौतम नगर थानाक्षेत्र में रहने वाली अनिता परिहार 18 साल की बेटी निकिता और बेटे निखिल के साथ पति संग्राम सिंह से अलग रहती हैं। पहले वह ठेकेदारी करता था, लेकिन फिर कामधाम छोड़कर पत्नी पर ही आश्रित हो गया।
अनिता ने बताया कि पति उससे मारपीट करता था। बच्चों को पढ़ने नहीं जाने देता था। बेटी को जैसे-तैसे 10वीं तक पढ़ा सकी। पहले तो वह सहती रही, लेकिन 3 साल पहले उसने पति को छोड़ दिया।इसके बाद बच्चों के साथ अलग रहने लगी। बीच-बीच में संग्राम घर आकर हंगामा करता और साथ रहने के लिए दबाव बनाता। मना करने पर झगड़ा करता था। तीन-चार दिन पहले सुबह अनिता काम पर जा रही थी। इसी दौरान संग्राम वहां आ गया। उसने हथौड़े से पहले सिर पर मारा। इसके बाद चेहरे और शरीर पर कई वार किए। उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग आए। उन्होंने उसे पकड़ लिया। वह उसका गला दबाकर मारने का प्रया कर रहा था। लोगों ने उसे बचाया।
बेटी निकिता ने कहा कि पापा शुरू से ही मारपीट करते थे। मां को भी पीटते थे। उन्होंने कभी पढ़ने नहीं दिया। मां के कारण ही कभी-कभी स्कूल जा पाती थी। पापा स्कूल का बैग या किताब देखते थे, तो मारते थे। बड़ी मुश्किल से 10वीं तक पढ़ाई कर पाई। मम्मी हमारी वजह से पापा से अलग हो गईं। उन्हें जेल होना चाहिए। इधर मामले की जांच कर रहे मनोहर सिंह का कहना है कि अभी अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिली है। मेडिकल रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा कि चोट कितनी गंभीर है। आरोपी संग्राम सिंह फरार है। उसकी तलाश कर रहे हैं।