इंदौर। इंदौर में चार बेटे और एक बेटी के बाद भी अलग थे दंपती लसूडिया पुलिस के मुताबिक परिवार में बुजुर्ग दंपती के चार बेटे दीपक, संतोष, राजकुमार और मनोज हैं। एक बेटी है, जिसकी मालवीय नगर में शादी हो चुकी है। चारों बेटे फर्नीचर का काम करते हैं। धनसिंह का विजय नगर इलाके में कारपेंटर का काम था। चार बेटे होने के बावजूद वह अपना तनाव किसी से बांट नहीं पा रहे थे। वह खुद काम करके अपना घर चलाते थे। दंपती के पास से किसी तरह का सुसाइड नोट नहीं मिला है। लेकिन हत्या और आत्महत्या की बात स्पष्ट हो चुकी है।
चार दिन पहले ही बुजुर्ग पत्नी अपने पति के खिलाफ थाने पहुंची थी। यहां एक शिकायत कर उसने कहा था कि पति उनके साथ मारपीट करता है। घर में नहीं रखता। इसके चलते वह अपने मंझले बेटे दीपक के साथ रहने लगी थी। मृतक धनसिंह प्रभारी (70) के खिलाफ उनकी पत्नी जमनाबाई (65) निवासी स्कीम नंबर 78 ने चार दिन पहले ही थाने में लिखित आवेदन दिया था। इसमें लिखा था कि पति उसके साथ मारपीट करता है और साथ नहीं रखता। इस मामले में पुलिस ने थाने बुलाकर समझाइश देने की बात कही थी। बड़े बेटे दीपक ने पिता धनसिंह को अपने साथ रख लिया था। एसआई बाबूलाल कुमावत के मुताबिक गुरुवार को धनसिंह ने बेटे मनोज को कॉल कर सभी की लोकेशन ली और दीपक के यहां पहुंच गया और पत्नी जमना बाई को मौत के घाट उतार दिया।
बेटे दीपक ने पूछताछ में बताया कि पिता का दोपहर में कॉल आया था। लेकिन वह काम के चलते जा नहीं सका। शाम को मां-पिता की मौत की जानकारी मिली। उसकी मां और पिता के बीच कुछ समय से मनमुटाव चल रहा था। उन्होंने समझाने का काफी प्रयास किया। लेकिन बात नहीं बनी। दंपती के छोटे बेटे मनोज ने बताया कि उनके घर से अलग होने के बाद पिता नशे में कई बार मां से विवाद करते थे। आठ दिन पहले मारपीट कर दी थी। इस दौरान मैंने अपने बड़े भाई दीपक और राजकुमार से कहा था कि पिता किसी दिन मां को मार ना देंगे और उन्होंने वाकई में इस तरह की शर्मनाक हरकत कर दी। पिता की हरकतों के चलते मां भी उनसे काफी डरी रहती थी। मां को कई बार साथ ले जाने की बात कही। लेकिन वह इस उम्र में पिता को छोड़ने के लिए राजी नहीं हुई। कुछ दिन पहले हुए विवाद में भी भाइयों के काफी समझाने के बाद मां उनके पास रहने लगी थी।