26.1 C
Bhopal
Thursday, September 19, 2024

मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल: शिवराज के करीबी IAS अधिकारियों ने बनाई दूरी, क्या चल रहा है पर्दे के पीछे?

Must read

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाने वाले कई IAS अधिकारियों ने हाल के दिनों में उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी है, जो राज्य की राजनीति में नए समीकरणों और अटकलों को जन्म दे रहा है। लंबे समय से सत्ता की कुर्सी पर बने रहने वाले शिवराज सिंह चौहान हमेशा अपने अधिकारियों के साथ अच्छे संबंधों के लिए जाने जाते रहे हैं, या यूँ कहें कि उनके बतौर मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश में अफ़सरशाही बहुत ज़्यादा हावी थी, लेकिन अब यह समीकरण बदलता हुआ दिख रहा है।

डॉ. मोहन यादव अपना रहे हैं शिवराज का पैंतरा 

कलेक्टर किसी जिले की प्रशासनिक धुरी होता है। उसकी भूमिका प्रशासनिक व्यवस्था, खनन, कानून व्यवस्था और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण होती है। एक प्रभावशाली कलेक्टर की नियुक्ति से किसी नेता की स्थिति जिले में मजबूत हो जाती है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस प्रभाव का भरपूर इस्तेमाल किया है और अपने राजनीतिक विरोधियों को कलेक्टरों की नियुक्तियों के माध्यम से मात दी है। शिवराज सिंह चौहान ने अपनी राजनीतिक चालाकी का परिचय देते हुए कलेक्टरों के माध्यम से विरोधियों को सख्त संदेश दिया। उदाहरण के लिए, इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय, जबलपुर में राकेश सिंह, ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुरैना में नरेंद्र सिंह तोमर, दमोह और नरसिंहपुर में प्रह्लाद पटेल और उज्जैन में मोहन यादव को छोटे-छोटे काम के लिए भी शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगानी होती थी। शिवराज कलेक्टर के ज़रिए इन नेताओं से खूब खेलते थे। इन कलेक्टरों के माध्यम से शिवराज ने न केवल स्थानीय प्रशासन पर नियंत्रण रखा बल्कि छोटे-छोटे मामलों में भी इन अधिकारियों की सहायता से अपनी स्थिति मजबूत करने का काम किया।

ये भी पढिए: शिवराज अपनी पसंद का नहीं बना पाए निजी सचिव, IAS रविंद्र कुमार बने निजी सचिव

अब, डॉ मोहन यादव ने इसी खेल को पलटते हुए शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चालें चलनी शुरू कर दी हैं। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने विदिशा में अपने सबसे विश्वसनीय अधिकारी रौशन कुमार को कलेक्टर बना दिया है। खबरें तो यह भी हैं कि रायसेन कलेक्टर, जो शिवराज सिंह के करीबी माने जाते हैं, उनका नाम भी सूची में था। हालांकि, उनकी पत्नी की गंभीर बीमारी के कारण उन्हें फिलहाल बचा लिया गया है। डॉ मोहन यादव ने मानवीयता का परिचय देते हुए उन्हें नहीं हटाया, लेकिन भविष्य में उनके स्थानांतरण की संभावना बनी हुई है। डॉ. मोहन यादव का यह कदम स्पष्ट रूप से शिवराज सिंह के लिए एक चुनौती प्रस्तुत करता है और यह संकेत करता है कि प्रशासनिक खेल अब नए मोड़ पर पहुंच चुका है।

18 साल की लोकप्रियता को शिवराज के सलाहकारों ने 18 महीने धूल में मिला दिया

 2020 में कमलनाथ की सरकार के पतन और शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद पर वापसी के बाद, प्रशासनिक और राजनीतिक समीकरणों में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। चौहान के नए सलाहकारों की टीम, जिसमें इक़बाल सिंह, मनीष सिंह, आशुतोष प्रताप सिंह, नीरज वशिष्ठ और सत्येन्द्र खरे जैसे लोग शामिल हैं, इन्होंने उन्हे उनके करीबी सलाहकारों और शुभचिंतकों से दूर कर दिया है।

ये भी पढिए: इलैया टी राजा नहीं बनेगे शिवराज के PS, नियुक्ति ही तय करेगी शिवराज का क़द

शिवराज सिंह चौहान, जो अपनी सटीक सलाह और प्रबंधन के लिए जाने जाते हैं, अब उन लोगों से दूर हो गए हैं जो उन्हें सही और आवश्यक सलाह देते थे। चाहे वे राजनेता हों, पत्रकार हों या पूर्व अधिकारी, जिनसे शिवराज की लगातार बातचीत और विचार-विमर्श होता था, वे अब उनके परिधि से बाहर हो गए हैं। यह बदलाव उनके सलाहकारों की नई टीम की दिशा-निर्देशों के कारण हुआ है।

नए सलाहकारों के प्रभाव

शिवराज की नई सलाहकार टीम ने उन्हें उन लोगों से दूर कर दिया है, जो पहले उनकी नब्ज़ टटोलने में मददगार होते थे। इस बदलाव ने राज्य की राजनीति में नए समीकरणों और अटकलों को जन्म दिया है। सलाहकारों की इस नई चौकड़ी ने शिवराज को उन लोगों से दूर कर दिया है, जिनके सुझाव और फीडबैक पहले उनकी राजनीतिक निर्णय-प्रक्रिया का हिस्सा थे।

यह बदलाव विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है, क्योंकि शिवराज सिंह चौहान हमेशा से अपने प्रशासनिक तंत्र और अधिकारियों के साथ अच्छे संबंधों के लिए जाने जाते रहे हैं। लेकिन अब उनके करीबी अधिकारी अचानक उनसे किनारा कर रहे हैं। कुछ अधिकारियों का मानना है कि वर्तमान नीतियों और योजनाओं से वे सहमत नहीं हैं। उनके विचार और दृष्टिकोण में मतभेद के कारण वे शिवराज सिंह से दूरी बना रहे हैं। कई बार अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव होता है, जिससे वे अपने निर्णय स्वतंत्र रूप से नहीं ले पाते। ऐसी स्थिति में वे सत्ता से दूरी बनाकर खुद को सुरक्षित करना चाहते हैं। हाल के महीनों में कई अधिकारियों के स्थानांतरण और नई नियुक्तियां हुई हैं, जिससे प्रशासनिक ढांचे में बदलाव हुआ है। कुछ अधिकारी इसे अपने लिए अनुकूल नहीं मानते और इसलिए वे शिवराज से दूरी बना रहे हैं।

ये भी पढिए: सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया बड़ा खुलासा, ‘लाडली बहना’ शिवराज की नहीं, हिमंत सरमा की योजना

इस स्थिति से शिवराज सिंह चौहान के प्रशासनिक कार्य और योजनाओं पर असर पड़ सकता है। उनकी प्रशासनिक पकड़ और अधिकारियों के साथ तालमेल की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, उनके अनुभव और राजनीतिक सूझबूझ को देखते हुए, वे इन चुनौतियों से निपटने के लिए नई रणनीतियों को बना सकते हैं। भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवराज सिंह चौहान इस बदलते परिदृश्य का सामना कैसे करते हैं और वे अपने प्रशासनिक तंत्र को कैसे मजबूत करते हैं।

शिवराज की स्थिति और भविष्य की राह

हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, शिवराज ने कहा कि उन्होंने अपने आप को मध्य प्रदेश से दूर कर लिया है और अब अन्य प्रदेशों और मंत्रालय पर अधिक ध्यान देंगे। यह बदलाव उनकी समझ में लेट आया है कि अफसरशाही की लगाम उसके हाथ में होती थी।अफ़सर उसी के इशारे पर। नाचते हैं शिवराज को यह समझ आने में देर हो गई मप्र में शिवराज किनारे है हालांकि यह कदम उनकी अपनी मर्जी से नहीं बल्कि केंद्र के इशारे पर उठाया गया है। हाल ही में भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब विदिशा कलेक्टर के तबादले के बारे में सवाल किया गया, तो शिवराज ने साफ किया कि उन्होंने अब मध्य प्रदेश से दूर रहने का निर्णय लिया है। उनका ध्यान अब अन्य प्रदेशों और अपने मंत्रालय पर केंद्रित रहेगा।शिवराज सिंह चौहान की यह स्थिति दर्शाती है कि प्रशासनिक तंत्र में नियंत्रण बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अफसरशाही की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण होती है कि उस पर नियंत्रण बनाए रखना एक प्रमुख जिम्मेदारी बन जाती है।
शिवराज सिंह को यह तब समझ आया जब उनके सबसे करीबी अधिकारी भी उनके पास नहीं आ रहे थे और प्रशासनिक गतिविधियों में बदलाव देखने को मिले। यह स्थिति एक ओर जहां शिवराज सिंह के प्रशासनिक प्रभाव को चुनौती देती है, वहीं दूसरी ओर यह संकेत भी देती है कि अब उन्हें नई रणनीतियों की आवश्यकता होगी। क्या वे इस नए परिदृश्य में अपनी स्थिति को पुनः मजबूत कर पाएंगे, यह समय बताएगा।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!