भोपाल। इमरजेंसी, कोरोनावायरस और ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज बंद करके हड़ताल पर जाने वाले जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन को जनता का समर्थन नहीं मिला। सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। अंततः जूनियर डॉक्टर हड़ताल खत्म करने के लिए तैयार हो गए। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से मिलने का समय मांगा है।
डॉ अरविंद मीणा, अध्यक्ष, जूडा, मप्र ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि पिछले 6 दिनों से हम हड़ताल पर हैं लेकिन, सरकार की तरफ से हमें कोई बुलावा नहीं मिला है। जूनियर डॉक्टर जितने अपनी समस्याओं के निदान के लिए परेशान हैं उतने ही मरीजों के इलाज के लिए चिंतित भी हैं। इसलिए निवेदन है कि हमसे मिले ताकि इस हड़ताल को खत्म किया जाए।दी ये मुखिया बाते –
- हाई कोर्ट द्वारा हड़ताल को अवैध घोषित करने के बाद भी हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया।
- ग्वालियर में जूनियर डॉक्टरों ने कोरोना वॉरियर्स के सर्टिफिकेट वापस किए।
- इंदौर में जूनियर डॉक्टर्स ने फिल्म 3 इडियट का गाना गाकर जनता का समर्थन जुटाने की कोशिश की।
- ग्वालियर में पोस्टर लगाए गए ‘मूंगफली में दाना नहीं, तुम हमारे मामा नहीं’।
- जबलपुर में जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हम भीख मांग कर बांड की रकम अदा करेंगे लेकिन काम पर वापस नहीं लौटेंगे।
जूनियर डॉक्टरों के इस्तीफे स्वीकार किए गए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 500 से ज्यादा हड़ताली मेडिकल स्टूडेंट्स के पंजीयन निरस्त।