अशोक नगर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले लोगों को “राम-कृष्ण की जय” कहना होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत में रहकर देश की सांस्कृतिक और धार्मिक धारा से जुड़े नहीं रहते, उन्हें चेतावनी दी गई है कि यह स्वीकार्य नहीं होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जो लोग भारत में रहते हैं, उन्हें भारतीय संस्कृति और धार्मिक प्रतीकों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से राम और कृष्ण के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने पर बल दिया।
उन्होंने उदाहरण के रूप में रहीम और रसखान को प्रस्तुत किया, जिन्होंने अपने आप को भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं से जोड़ा और इसलिए आज भी उन्हें सम्मानित किया जाता है। यह बयान जन्माष्टमी के पर्व पर दिया गया, जो श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि भारत में रहने वाले लोगों को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं के साथ जुड़ना होगा।
इस प्रकार के बयानों से अक्सर सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता पर जोर देने की कोशिश की जाती है, लेकिन यह कभी-कभी विवाद का कारण भी बन सकता है। मुख्यमंत्री ने बाद में ट्वीट को डिलीट कर दिया, जो इस बात का संकेत हो सकता है कि बयान की प्रतिक्रिया को देखते हुए उन्होंने इसे वापस ले लिया। इस प्रकार के बयान सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को प्रोत्साहित करने का प्रयास होते हैं, लेकिन इनसे संबंधित संवेदनशीलताएँ भी हो सकती हैं। राजनीतिक और सामाजिक हलकों में ऐसे बयानों पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं।